भोपाल: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने भोपाल के राजा भोज हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय हवाई संपर्क को सुदृढ़ करने के लिए एक विशेष प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य उन एयरलाइनों को आकर्षित करना है जो कम उपयोग किए जाने वाले भारतीय हवाई अड्डों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कर सकें।
इस योजना के तहत एयरलाइनों को लैंडिंग फीस में छूट, यूज़र डिवेलपमेंट फीस (UDF) में भागीदारी और अन्य आकर्षक लाभ दिए जाएंगे।
किन हवाई अड्डों को मिलेगा योजना का लाभ?
AAI की यह योजना सिर्फ भोपाल ही नहीं, बल्कि भारत के 13 कम उपयोग में आने वाले हवाई अड्डों को शामिल करती है। इनमें:
तीन प्रमुख हवाई अड्डे:
- पटना
- श्रीनगर (सिविल एन्क्लेव)
- अयोध्या
दस छोटे हवाई अड्डों को तीन क्लस्टरों में बांटा गया है:
क्लस्टर 1:
- भोपाल
- वडोदरा
- इंफाल
- अगरतला
क्लस्टर 2:
- गया
- राजकोट
- औरंगाबाद
- तिरुपति
क्लस्टर 3:
- कुशीनगर
- पोर्ट ब्लेयर (सिविल एन्क्लेव)
योजना कैसे काम करेगी?
यह प्रोत्साहन योजना एयरलाइनों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए आर्थिक लाभ देती है। उदाहरण के लिए:
- क्लस्टर 1 के तहत उड़ान भरने वाली एयरलाइनों को लैंडिंग फीस पर पूरी छूट दी जा सकती है।
- साथ ही, एयरलाइनों को शुरुआती चरणों में यात्री सेवाओं में हिस्सेदारी और प्रचार में सहायता भी मिलेगी।
भोपाल एयरपोर्ट निदेशक का बयान
भोपाल एयरपोर्ट के निदेशक रामजी अवस्थी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य उन हवाई अड्डों को सक्रिय करना है जहाँ से फिलहाल कोई अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी नहीं है। उन्होंने कहा:
“हमने एयरलाइनों को एक लाभकारी प्रस्ताव दिया है जिससे वे इन हवाई अड्डों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए प्रेरित हों। इससे न सिर्फ एयरपोर्ट का विकास होगा, बल्कि स्थानीय यात्रियों को बेहतर सेवाएं भी मिलेंगी।”
क्या होगा इसका असर?
इस प्रोत्साहन योजना से कई संभावनाएं खुलेंगी:
- स्थानीय यात्रियों को विदेश जाने के लिए बड़े शहरों तक यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
- राज्यों के पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
- हवाई अड्डों की उपयोगिता और आर्थिक विकास में वृद्धि होगी।
AAI की यह प्रोत्साहन योजना भारतीय एविएशन सेक्टर के लिए एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल अंतरराष्ट्रीय संपर्क में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय हवाई अड्डों की क्षमता का भी पूरा उपयोग हो सकेगा। भोपाल सहित अन्य छोटे शहर अब वैश्विक नक्शे पर उड़ान भरने को तैयार हैं।