BY: MOHIT JAIN
दशहरे के मौके पर ग्वालियर की गलियां और मैदान उत्सव और उल्लास से गुलजार रहे। फूलबाग मैदान में रामलीला मंच पर जैसे ही श्रीराम ने अपना बाण छोड़ा, 65-65 फीट ऊंचे रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले जल उठे। आग की लपटों के बीच पटाखों की गड़गड़ाहट और ‘जय श्रीराम’ के नारे वातावरण को और रोमांचक बना रहे थे। हजारों लोग इस पल को अपने कैमरे और मोबाइल में कैद करते नजर आए।

वहीं थाटीपुर में भी 51 फीट ऊंचे रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले धधक उठे। डीडी नगर में सिर्फ रावण का 70 फीट ऊँचा पुतला आकर्षण का केंद्र रहा, जिसे आयोजकों ने शहर का सबसे बड़ा पुतला बताया। बच्चों की खुशी और महिलाएं-बुजुर्गों की उत्सव में भागीदारी ने माहौल को और जीवंत बना दिया। सुरक्षा के लिए पुलिस और प्रशासन ने हर जगह कड़ी व्यवस्था की।
इस पर्व का संदेश हर किसी तक स्पष्ट हुआ – चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, सत्य और धर्म की शक्ति हमेशा विजयी रहती है। दशहरे का यह उत्सव हमें यही याद दिलाता है कि अगर मन में सत्य की लौ प्रज्वलित हो, तो बुराई केवल धुआं-धुआं बनकर रह जाती है।
ग्वालियर में प्रमुख दशहरा आयोजन:
- फूलबाग: 65-65 फीट ऊंचे रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले जले
- थाटीपुर: 51-52 फीट ऊंचे रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए गए
- डीडी नगर: 70 फीट ऊँचा रावण का पुतला दहन
श्रीराम का भव्य राज्याभिषेक
आज, 3 अक्टूबर 2025 को, ग्वालियर में श्रीराम का भव्य राज्याभिषेक समारोह आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन फूलबाग मैदान में होगा।
ग्वालियर रामलीला का इतिहास

ग्वालियर की रामलीला का इतिहास 118 वर्षों पुराना है। यह परंपरा पाकिस्तान के झांग समुदाय से आई है, जो विभाजन के समय भारत आए थे और अपने साथ यह धार्मिक आयोजन लेकर आए। ग्वालियर में यह आयोजन फूलबाग मैदान में आयोजित होता है, जिसमें रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतले जलाए जाते हैं। इस वर्ष, 2025 में, यह आयोजन 79वीं बार आयोजित हो रहा है।
रावण दहन की विशेषताएँ
ग्वालियर में रावण दहन का आयोजन फूलबाग मैदान में होता है, जहां 65-65 फीट ऊंचे रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। इस वर्ष, 2025 में, यह आयोजन 79वीं बार आयोजित हो रहा है।