by: vijay nandan
गुजरात: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कच्छ में आयोजित शस्त्र पूजन और बहु-एजेंसी अभ्यास के दौरान पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि सर क्रीक क्षेत्र में कोई दुस्साहसी कदम उठाया गया तो उसे निर्णायक और ऐसा उत्तर मिलेगा जिससे इतिहास और भूगोल पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने भारत की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति सेना और बीएसएफ की तैयारियों पर भरोसा जताया।
कच्छ में संदेश, सीमा सुरक्षा और सतर्कता
कच्छ के लक्की नाला सैन्य स्थापन में विजयादशमी के अवसर पर आयोजित बहु-एजेंसी अभ्यास व शस्त्र पूजन के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने सर क्रीक विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की कई कोशिशें कीं, लेकिन पाकिस्तान की हालिया गतिविधियों से संदिग्धता बढ़ी है। उन्होंने सीमा पर पाकिस्तान द्वारा सैन्य गठजोड़ और आधारभूत ढांचे के विस्तार को चिंताजनक बताया।
#WATCH | Kachchh, Gujarat | Raksha Mantri Rajnath Singh and Army Chief General Upendra Dwivedi perform Shastra Puja, on the occassion of Vijayadashmi, in Bhuj. pic.twitter.com/WaHsL4FWhj
— ANI (@ANI) October 2, 2025
पाकिस्तान की नीयत पर संदेह
जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि आज 78 वर्षों के बाद भी सर क्रीक का मसला तनाव का कारण बना हुआ है। उनका मानना है कि बातचीत के बावजूद पाकिस्तान की मंशा स्पष्ट नहीं दिखती। पाकिस्तानी सैनिक ठिकानों के विस्तार से यह संदेश मिलता है कि वहाँ कुछ और तैयारी हो रही है, जो चिंता का विषय है।
निर्णायक प्रतिक्रिया की चेतावनी
राजनाथ सिंह ने फौरन चेताया कि अगर सर क्रीक में कोई दुस्साहस हुआ तो भारत का जवाब कठोर और निर्णायक होगा — ऐसा उत्तर जो ‘इतिहास और भूगोल’ पर असर डाले। उन्होंने 1965 की सैन्य क्षमताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भारतीय सेना ने अपनी क्षमता दिखायी थी और आज भी सीमा की रक्षा में यही सामर्थ्य मौजूद है। उन्होंने एक तंज में यह भी कहा कि कराची जाने वाला मार्ग सर क्रीक से होकर गुजरता है — इसका अर्थ स्पष्ट था।

ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ संदेश
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि इस अभियान के दौरान सशस्त्र बलों ने उन प्रयासों को विफल कर दिया जिनसे भारत की संप्रभुता पर आंच आ सकती थी। उन्होंने जोर दिया कि भारत आतंकवाद और उन सभी खतरों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने में सक्षम है। साथ ही यह भी कहा कि सैन्य क्षमताओं के बावजूद भारत ने संयम दिखाया क्योंकि उद्देश्य युद्ध नहीं बल्कि आतंकवाद का दमन था
राजनाथ सिंह की यह टिप्पणी सीमा पर जारी तनाव और सुरक्षा के मुद्दे पर साफ संदेश है — भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी तरह के दुस्साहस के जवाब में कार्रवाई करने में सक्षम और निश्चयशील है। रक्षा मंत्री ने सेना व सुरक्षा कर्मियों की तत्परता और वीरता की सराहना करते हुए सीमा सुरक्षा की अहमियत पर जोर दिया।
(सूचना: यह रिपोर्ट न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट पर आधारित है।)