BY: MOHIT JAIN
इजराइल ने बुधवार रात गाजा की ओर बढ़ रहे 47 जहाजों में से 13 को रोक लिया। इन जहाजों में मानवीय सहायता सामग्री लदी हुई थी और यह सुमुद फ्लोटिला का हिस्सा थे। इस अभियान का उद्देश्य गाजा तक मदद पहुंचाना और इजराइल की नाकाबंदी को चुनौती देना था।
इस दौरान 37 देशों के करीब 150 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, जिनमें मशहूर स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल हैं।
इजराइली सेना का बयान
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि सभी जहाज सुरक्षित तरीके से रोक लिए गए हैं और यात्रियों को इजराइली बंदरगाह पर ले जाया गया है। साथ ही यह भी बताया गया कि ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथी सुरक्षित हैं।
अभी भी 30 जहाज गाजा की ओर

फ्लोटिला के प्रवक्ता सैफ अबुकेशेक ने बताया कि अब तक 13 जहाजों को रोका गया है, लेकिन करीब 30 जहाज अब भी गाजा की तरफ बढ़ रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि रात करीब 8:30 बजे (गाजा समय) कुछ जहाजों से संपर्क टूट गया, जब इजराइली फोर्स ने उन्हें कब्जे में ले लिया। इसके बावजूद कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे किसी भी धमकी से डरे बिना गाजा तक राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश जारी रखेंगे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- तुर्किये ने इस कार्रवाई को “आतंकवाद जैसा कदम” बताते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है।
- दक्षिण अफ्रीका ने संयम बरतने और निहत्थे कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
- ग्रीस और इटली ने भी इजराइल से फ्लोटिला में शामिल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
- इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कार्यकर्ताओं से यात्रा रोकने की अपील करते हुए कहा कि इससे गाजा शांति वार्ता को नुकसान पहुंच सकता है।
- स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने कहा कि ये कार्यकर्ता किसी भी तरह का खतरा नहीं हैं और उम्मीद जताई कि इजराइल भी उन्हें खतरे में नहीं डालेगा।
ग्रेटा थनबर्ग की दूसरी गिरफ्तारी
यह पहली बार नहीं है जब ग्रेटा थनबर्ग को गाजा पहुंचने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया हो। इससे पहले जून 2025 में भी वे “मेडलीन” नामक जहाज से गाजा रवाना हुई थीं। उस समय इजराइल ने जहाज को कब्जे में लेकर 12 लोगों को हिरासत में लिया था और बाद में ग्रेटा समेत सभी को हवाई जहाज से वापस भेज दिया गया था।
गाजा की ओर बढ़ रहे इस राहत अभियान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बहस को तेज कर दिया है। जहां कार्यकर्ता इसे मानवीय मदद बताते हैं, वहीं इजराइल इसे अपनी सुरक्षा के खिलाफ खतरा मानता है। ग्रेटा थनबर्ग की गिरफ्तारी ने इस घटना को और सुर्खियों में ला दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि बाकी जहाज गाजा तक पहुंच पाते हैं या नहीं।