BY: MOHIT JAIN
भारत और यूरोप के चार विकसित देशों स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के बीच EFTA (European Free Trade Association) फ्री ट्रेड एग्रीमेंट बुधवार से लागू हो गया। यह भारत का इन चार देशों के साथ पहला FTA है, जिसमें पहली बार निवेश और रोजगार से जुड़ी बाध्यकारी प्रतिबद्धताएं शामिल की गई हैं।
समझौते के अनुसार, अगले 15 साल में ये चारों देश भारत में लगभग 100 अरब डॉलर (करीब ₹8.86 लाख करोड़) का निवेश करेंगे। इससे सीधे तौर पर लगभग 10 लाख नौकरियां उत्पन्न होने की संभावना है।
शुल्क में रियायत और संवेदनशील सेक्टर की सुरक्षा

EFTA ने भारत के 99.6% निर्यात पर टैरिफ छूट दी है, जबकि भारत ने 82.7% टैरिफ लाइनों पर रियायत दी। हालांकि फार्मा, मेडिकल डिवाइसेज, डेयरी, प्रोसेस्ड फूड, सोया, कोयला और कुछ कृषि उत्पादों जैसे संवेदनशील सेक्टरों को सुरक्षा प्रदान की गई है।
गोल्ड पर कोई बदलाव नहीं होगा क्योंकि भारत का 80% से अधिक गोल्ड इंपोर्ट EFTA देशों से होता है।
आम उपभोक्ता और बाजार पर असर
इस समझौते से कई यूरोपीय उत्पाद भारत में सस्ते मिलेंगे। इसमें स्विट्जरलैंड की वाइन, चॉकलेट, कपड़े, बिस्किट, ड्राय फ्रूट्स, अंगूर, सब्जियां, कॉफी और घड़ियां शामिल हैं।
वहीं, भारतीय निर्यातकों के लिए भी यह एक बड़ा अवसर है। चावल, दालें, आम और अंगूर जैसे फल, कॉफी, चाय, समुद्री उत्पाद, कपड़े, खिलौने और इंजीनियरिंग सामान यूरोपीय बाजारों में और अधिक बिकेंगे। इससे किसानों, छोटे उद्योगों और निर्यातकों को लाभ मिलेगा।
तकनीक और जीवन स्तर में सुधार
फ्री ट्रेड समझौते के माध्यम से यूरोप की उन्नत तकनीक भारत में आएगी। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा, मेडिकल रिसर्च और स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। यह कदम भारत को वैश्विक स्तर पर तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगा और जीवन स्तर में सुधार लाएगा।
कौन से सेक्टरों को मिलेगा फायदा
इस समझौते से इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, केमिकल्स और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को फायदा मिलेगा। भारत अगले 5 साल में कॉड लिवर ऑयल, फिश बॉडी ऑयल और स्मार्टफोन पर ड्यूटी खत्म करेगा। 7 साल में ऑलिव ऑयल, कोको, कॉर्न फ्लेक्स, इंस्टेंट टी, मशीनरी, साइकिल पार्ट्स और घड़ियों पर ड्यूटी हटेगी। 10 साल में एवोकाडो, एप्रिकॉट, कॉफी, चॉकलेट और मेडिकल इक्विपमेंट्स पर भी ड्यूटी खत्म हो जाएगी।
सर्विस सेक्टर में भी अवसर बढ़ेंगे। भारत ने EFTA को 105 सब-सेक्टर्स में एक्सेस दिया है, जबकि स्विट्जरलैंड से 128, नॉर्वे से 114, लिकटेंस्टीन से 107 और आइसलैंड से 110 सब-सेक्टर्स में बेहतर एक्सेस मिला है।

क्रिएटिव इंडस्ट्री और डिजिटल कंटेंट को बढ़ावा
फिल्म, ओटीटी, संगीत और गेमिंग कंपनियों के लिए यूरोपीय बाजार खुलेंगे। इससे बॉलीवुड और भारतीय डिजिटल कंटेंट की ग्लोबल पहुंच और राजस्व बढ़ेगा। कलाकारों और प्रोडक्शन हाउसेज के लिए नए अवसर पैदा होंगे।
भारत का वैश्विक FTA नेटवर्क
अब तक भारत ने 16 देशों/ब्लॉक्स के साथ FTA साइन किए हैं। इसमें श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, यूके, मॉरीशस और ASEAN शामिल हैं। 2014 के बाद भारत ने मॉरीशस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, EFTA और यूके के साथ FTA किया है। इसके अलावा अमेरिका, ओमान, यूरोपीय यूनियन, पेरू, चिली, न्यूजीलैंड और इजराइल के साथ भी समझौते की बातचीत जारी है।