by: vijay nandan
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब करीब आ चुका है और सभी राजनीतिक दल मैदान में उतर चुके हैं। राज्य की कुल 243 सीटों पर मुकाबला होगा, जिसमें बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। इसी बीच टाइम्स नाउ और जेवीसी के नए ओपिनियन पोल ने चुनावी समीकरणों को और दिलचस्प बना दिया है।
एनडीए को बहुमत का संकेत
सर्वे के अनुसार, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 130 से 150 सीटें मिल सकती हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अकेले 66 से 77 सीटें जीतने की संभावना रखती है।

जेडीयू और अन्य सहयोगियों का अनुमान
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को 52 से 58 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है, जबकि एनडीए के अन्य सहयोगियों को 13 से 15 सीटें मिल सकती हैं।
तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन की स्थिति
तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) 81 से 103 सीटों के बीच रह सकता है। इसमें लालू प्रसाद यादव की राजद के खाते में 57 से 71 सीटें, कांग्रेस को 11 से 14 सीटें और अन्य सहयोगियों को 13 से 18 सीटें मिलने का अनुमान है।

प्रशांत किशोर की पार्टी ने बढ़ाई रोमांचकता
पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव में उतर रही प्रशांत किशोर की पार्टी ‘जन सुराज’ 4 से 6 सीटें जीत सकती है। इसके अलावा ओवैसी की AIMIM, मायावती की बसपा और अन्य छोटी पार्टियां मिलकर 5 से 6 सीटें हासिल कर सकती हैं।
गौरतलब है कि 2020 के चुनाव में 5 सीटें जीतने वाली AIMIM का ग्राफ इस बार नीचे जाता दिख रहा है।
बदलते समीकरणों में PK की संभावित भूमिका
भले ही मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच है, लेकिन प्रशांत किशोर की एंट्री ने इस बार चुनावी तस्वीर को नया मोड़ दे दिया है। ओपिनियन पोल के रुझान बताते हैं कि पीके ‘किंगमेकर’ की भूमिका में नजर आ सकते हैं।