संवाददाता – प्रयास कैवर्त
लेखक- ईसा अहमद
छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर गौरेला–पेंड्रा–मरवाही जिले ने स्वच्छता की ऐसी मिसाल पेश की, जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। “एक दिन – एक घंटा – एक साथ” थीम पर बांधामुड़ा तालाब परिसर में चलाए गए विशेष स्वच्छता अभियान ने यह साबित कर दिया कि जब जनता और जनप्रतिनिधि एक साथ आगे आते हैं, तो बदलाव की राह आसान हो जाती है।
तालाब परिसर में अनोखा नज़ारा
सुबह की पहली किरण के साथ ही तालाब परिसर में एक अद्भुत दृश्य नजर आया।
- जनप्रतिनिधि
- प्रशासनिक अधिकारी
- स्वच्छता दीदियाँ
- महिला स्व-सहायता समूह
- आम नागरिक
सभी हाथों में झाड़ू लेकर इस महाअभियान में शामिल हुए।
बड़े नेताओं ने किया श्रमदान
अभियान में जिला पंचायत अध्यक्ष समीरा पैकरा, नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश दुबे, कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी, जिला पंचायत सीईओ मुकेश रावटे और एसडीएम विक्रांत अंचल ने स्वयं श्रमदान कर लोगों को प्रेरित किया। इन सभी ने यह संदेश दिया कि स्वच्छता केवल जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि हर नागरिक का संस्कार होना चाहिए।
कलेक्टर ने दिलवाया संकल्प
कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने लोगों को हर साल 100 घंटे यानी हफ्ते में 2 घंटे सफाई करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा—
“जब हम सब मिलकर काम करते हैं, तभी बदलाव आता है। यह अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को नई सोच, नई प्रेरणा और नई ऊर्जा देता है।”
गूंजा एक ही संदेश
बांधामुड़ा तालाब परिसर में इस अभियान के दौरान हर तरफ एक ही संदेश गूंजा—
“स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और सशक्त भारत।”
इस पहल से गौरेला–पेंड्रा–मरवाही ने यह साबित कर दिया कि यदि जनता और प्रशासन मिलकर काम करें, तो स्वच्छता अभियान केवल नारा नहीं, बल्कि जन-आंदोलन बन सकता है।