BY: MOHIT JAIN
मध्यप्रदेश में इस मानसूनी सीजन अब तक 44 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो कि सामान्य औसत से 19 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग के अनुसार, गुना और रायसेन जिले में 61 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है, जो प्रदेश में सबसे अधिक है।
मौसम विभाग ने बताया कि सितंबर के अंतिम दिनों में भी तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। खासकर बुधवार को सिवनी, मंडला और बालाघाट जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
मानसून विदाई के संकेत

देश के कई राज्यों में मानसून धीरे-धीरे विदाई ले रहा है। गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के अधिकांश हिस्सों में मानसून सक्रिय नहीं है, जबकि उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी मानसून का अंत होने की संभावना है।
मध्यप्रदेश में अक्टूबर के पहले सप्ताह तक मानसून की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है।
प्रदेश में सक्रिय मौसम प्रणाली
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में तीन प्रमुख सिस्टम सक्रिय हैं – एक लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र), साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक ट्रफ। इनका असर विशेष रूप से प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में देखने को मिलेगा। इसके साथ ही कई जिलों में हल्की बारिश भी जारी रहेगी।
इंदौर संभाग की स्थिति सुधर रही
इस बार मानसून की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश कम हुई थी। हालांकि, सितंबर में तेज बारिश ने इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा कर दिया है।
वहीं, बड़वानी, खरगोन और खंडवा जिलों की बारिश की स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है। उज्जैन संभाग में अब भी बारिश का कोटा पूरा नहीं हुआ है। सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर दूसरे स्थान पर है।





