BY: MOHIT JAIN
दिल्ली की भव्य लवकुश रामलीला में अभिनेत्री पूनम पांडे को मंदोदरी का रोल मिलने के बाद उठे विवाद ने आखिरकार बड़ा मोड़ ले लिया है। लवकुश रामलीला कमेटी ने मंगलवार को घोषणा की कि पूनम पांडे अब यह किरदार नहीं करेंगी। समिति ने उन्हें इस फैसले की जानकारी पत्र लिखकर दी है।
विरोध के बीच लिया गया निर्णय
शुरुआत में पूनम पांडे का नाम फाइनल होने पर सोशल मीडिया से लेकर धार्मिक संगठनों तक ने आपत्ति जताई थी। विरोध इतना बढ़ा कि लवकुश रामलीला समिति को अपना निर्णय बदलना पड़ा। अब मंदोदरी की भूमिका किसी दूसरी अभिनेत्री को दी जाएगी।
पूनम पांडे का उत्साह और विवाद

पूनम पांडे ने हाल ही में एक वीडियो पोस्ट कर अपनी खुशी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि वे नवरात्रि के नौ दिन का व्रत रखकर इस किरदार को पूरी श्रद्धा से निभाना चाहती हैं। लेकिन, उनके इस बयान के बावजूद विरोध थमा नहीं।
विरोध करने वाले पक्ष कौन थे?
- विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कमेटी को पत्र लिखकर स्पष्ट कहा कि रामलीला केवल नाटक नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, ऐसे में पूनम पांडे को इस भूमिका से हटाया जाए।
- कंप्यूटर बाबा ने भी कड़ा बयान दिया और कहा कि पूनम पांडे को मंदोदरी नहीं बल्कि सूर्पनखा का रोल दिया जाना चाहिए था।
क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला?
रामलीला भारत में केवल धार्मिक मंचन नहीं बल्कि सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा मानी जाती है। ऐसे में किरदारों के चयन पर विवाद होना स्वाभाविक है। लवकुश कमेटी ने विरोध को ध्यान में रखते हुए माहौल शांत करने के लिए यह कदम उठाया है।