BY: MOHIT JAIN
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (Global Innovation Index) 2025 में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 139 अर्थव्यवस्थाओं में 38वां स्थान हासिल कर लिया है। यह दस साल पहले 2015 में 81वें स्थान पर था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत की इनोवेशन क्षमता लगातार मजबूत हो रही है।
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा प्रकाशित इस इंडेक्स में R&D खर्च, वेंचर कैपिटल डील्स, हाई-टेक निर्यात और बौद्धिक संपदा (Intellectual Property) से जुड़े फाइलिंग्स जैसी करीब 80 पैरामीटर शामिल हैं। इस साल स्विट्ज़रलैंड पहले स्थान पर है।
अनुसंधान और विकास पर बढ़ता जोर

भारत की इस छलांग का मुख्य कारण अनुसंधान और विकास (R&D) पर बढ़ता ध्यान है। केंद्र और राज्य सरकारें वैज्ञानिक शोध, तकनीकी विकास और नए प्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार योजनाएं चला रही हैं।
स्टार्टअप इंडिया जैसी पहल ने युवाओं को अपने नए विचारों को व्यावसायिक रूप देने का अवसर दिया है। परिणामस्वरूप, भारत आज दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में शामिल हो चुका है।
डिजिटल अभियान से मिली नई दिशा
डिजिटल इंडिया अभियान ने भी इनोवेशन को नई दिशा दी है। ग्रामीण क्षेत्रों तक इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं की पहुंच ने शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यवसाय में नई संभावनाएं खोली हैं।
इसके अलावा फिनटेक, ई-कॉमर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं, जो वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की स्थिति मजबूत कर रही हैं।
स्टार्टअप और वैश्विक पहचान
भारत में वेंचर कैपिटल निवेश और निजी क्षेत्र की भागीदारी ने इनोवेशन को और मजबूती दी है। युवा उद्यमियों के नए विचारों को वित्तीय सहयोग मिलने से कई स्टार्टअप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं।
शिक्षा और कौशल विकास भी भारत की इनोवेशन यात्रा का अहम हिस्सा हैं। IITs, IIMs और अन्य प्रमुख संस्थान शोध और इनोवेशन को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे युवा प्रतिभा को विश्व स्तर पर मौका मिल रहा है।





