BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर: के बरा गांव में एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। यहां एक पिता और उसके बेटे ने सरकारी जमीन को निजी बताकर बेच डाला। खरीददार ने उस जमीन पर पक्का मकान भी खड़ा कर लिया, लेकिन बाद में जब प्रशासन ने इसे सरकारी भूमि बताया तो निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया।
खरीदार को हुआ बड़ा नुकसान
बहोड़ापुर दामोदर बाग कॉलोनी निवासी राशिद अली हैदरी ने 20 मार्च 2024 को ग्राम बरा मोतीझील के रमेश यादव और उसके बेटे सतेन्द्र यादव से भूमि सर्वे क्रमांक 628 खरीदने का सौदा किया था।
राशिद ने डील के समय रमेश यादव को 17 लाख 82 हजार रुपये एडवांस दिए और रजिस्ट्री भी करा ली। इसके बाद उन्होंने वहां मकान बनवाया और रहने लगे।
लेकिन कुछ ही समय बाद प्रशासन और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। जांच में पता चला कि यह जमीन सर्वे क्रमांक 682 है, जो कि शासकीय भूमि है। अधिकारियों ने अवैध निर्माण को तत्काल गिरा दिया और भूमि को अपने कब्जे में ले लिया। यह खबर सुनकर राशिद अली के पैरों तले जमीन खिसक गई।
झूठे चेक और धमकी
राशिद ने जब अपना पैसा वापस मांगा तो रमेश यादव और उसके बेटे ने उसे दो चेक (15-15 लाख रुपये) दिए। लेकिन बैंक ने क्लियरेंस से इंकार कर दिया और बताया कि चेक पर किए गए हस्ताक्षर बैंक के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते।
जब राशिद ने इस बारे में रमेश यादव से सवाल किया तो पिता-पुत्र ने उल्टा उसे धमकी दी कि अगर पुलिस या कोर्ट का सहारा लिया तो उसे जान से मार देंगे।
कई लोगों को बना चुके हैं शिकार
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि रमेश यादव और उसका बेटा सतेन्द्र केवल राशिद ही नहीं, बल्कि कई और लोगों को भी सरकारी जमीन को निजी बताकर बेच चुके हैं। यह एक संगठित जालसाजी का मामला है।
FIR दर्ज, आरोपी फरार
पीड़ित की शिकायत पर पुरानी छावनी थाना पुलिस ने षड्यंत्र, धोखाधड़ी और फर्जी हस्ताक्षर के जरिए ठगी करने का मामला दर्ज किया है। आरोपी पिता-पुत्र घर से फरार हैं। पुलिस की टीम उनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।
टीआई संतोष सिंह यादव का कहना है कि “मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जैसे-जैसे नए तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”





