आगरा एयरफोर्स स्टेशन और एयरपोर्ट के आसपास फैला कूड़ा अब हवाई सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गया है। एयरफोर्स बाउंड्री, रेलवे ट्रैक और कई सड़कों के किनारे बने अवैध डलाबघर से बर्ड एक्टिविटी बढ़ रही है। यह स्थिति विमान संचालन के लिए चुनौतीपूर्ण हो रही है।
बैठक में उठी चिंता
मंगलवार को मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई एयरोड्रोम पर्यावरण प्रबंधन समिति की बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई।
बैठक में शामिल अधिकारियों ने बताया:
- आगरा-कोटा और आगरा-जयपुर रेलवे ट्रैक पर लगातार गंदगी पड़ी है।
- शाहगंज स्थित सिद्ध साहनी नगर के पास भी यही स्थिति है।
- खेरिया मोड़ मैदान, नरीपुरा और धनौली रोड के किनारे कई अवैध डलाबघर हैं।
अवैध डलाबघर और बढ़ती बर्ड एक्टिविटी
खुले में कूड़ा फेंकने से न सिर्फ बदबू और गंदगी बढ़ रही है, बल्कि पक्षियों की गतिविधि भी बढ़ गई है। हवाई जहाजों के टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान यह गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।
मंडलायुक्त के निर्देश
मंडलायुक्त ने अधिकारियों को कई सख्त निर्देश दिए:
- सभी अवैध डलाबघर हटाए जाएं और जगह-जगह से कूड़ा उठाया जाए।
- खेरिया मोड़ मैदान की समुचित सफाई और बाउंड्रीवॉल बनाई जाए।
- रेलवे ट्रैक की नियमित सफाई हो।
- कॉलोनियों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन सुनिश्चित किया जाए।
- पंचायत ऑफिस और गांवों में खुले में कूड़ा डालने पर रोक लगे।
- कुबेरपुर डंपिंग यार्ड में एंटी-बर्ड शेड लगाने का सुझाव दिया गया।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि अगले तीन महीने में डंपिंग यार्ड का वैज्ञानिक निस्तारण कर दिया जाएगा।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में प्रमुख अधिकारी शामिल रहे:
- जिलाधिकारी: अरविंद मलप्पा बंगारी
- नगर आयुक्त: अंकित खंडेलवाल
- अपर जिलाधिकारी नगर: यमुनाधर चौहान
- अपर नगर आयुक्त: शिशिर कुमार
- छावनी बोर्ड सीईओ: दीपक मोहन
- एसडीएम सदर: सचिन राजपूत
आगरा जैसे पर्यटन शहर में कूड़ा प्रबंधन की समस्या सिर्फ साफ-सफाई का मुद्दा नहीं है, बल्कि हवाई सुरक्षा से भी जुड़ी है। अधिकारियों के इन कदमों से उम्मीद है कि जल्द ही डलाबघरों को हटाकर एयरफोर्स स्टेशन और एयरपोर्ट के आसपास स्वच्छता बहाल की जाएगी।





