तीन साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक बड़ी मानवीय पहल देखने को मिली है। रूस ने यूक्रेन को उसके 1,000 मृत सैनिकों के शव लौटा दिए हैं। बदले में यूक्रेन ने भी रूस के 19 सैनिकों के शव सम्मानपूर्वक लौटाए। यह आदान-प्रदान युद्ध की विभीषिका के बीच एक संवेदनशील और आशाजनक कदम माना जा रहा है।
समझौते का स्थान और संदर्भ
- यह शव-वापसी इस्तांबुल में 2022 में हुए समझौतों के आधार पर की गई।
- समझौता दोनों देशों के बीच मानवता के सिद्धांतों को प्राथमिकता देते हुए हुआ।
- इस पहल को रूसी वार्ताकार व्लादिमीर मेडिंस्की ने सार्वजनिक किया।
मानवीयता की मिसाल
व्लादिमीर मेडिंस्की ने कहा:
“हम उम्मीद करते हैं कि ये सैनिक अब अपने देश की मिट्टी में सम्मानपूर्वक विश्राम कर सकेंगे। ईश्वर करे वे शांति से सो सकें।”
यह बयान दर्शाता है कि युद्ध के बावजूद, सैनिकों के सम्मान और उनके परिवारों की पीड़ा को समझना दोनों पक्षों के लिए कितना जरूरी है।
यह कोई पहला प्रयास नहीं
- रूस और यूक्रेन के बीच शवों की अदला-बदली की यह सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है।
- 2022 में हुए इस्तांबुल समझौते में ही दोनों देशों ने इस तरह के मानवीय प्रयासों पर सहमति दी थी।
- उद्देश्य: युद्ध में मारे गए सैनिकों के शव सम्मानपूर्वक उनके देश वापस भेजना।
युद्ध की स्थिति और मानव हानि
- युद्ध को 3 साल से अधिक हो चुके हैं।
- हजारों सैनिक और आम नागरिक दोनों पक्षों में मारे जा चुके हैं।
- यूक्रेन की ओर से अभी तक इस शव-वापसी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
- लेकिन कीव में इसे राष्ट्र सम्मान और परिवारों को राहत के रूप में देखा जा रहा है।
इस शव-वापसी समझौते ने यह सिद्ध किया है कि युद्ध के मैदान में लड़ाई चल रही हो, लेकिन मानवता अभी जिंदा है। रूस और यूक्रेन के इस कदम को भविष्य में संवाद और शांति की ओर एक छोटा लेकिन अहम संकेत माना जा सकता है।