BY: Yoganand Shrivastva
मुंबई, राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक अहम कार्रवाई करते हुए एक भारतीय महिला को 62 करोड़ रुपये की कोकीन के साथ गिरफ्तार किया है। यह महिला कतर की राजधानी दोहा से मुंबई पहुंची थी और उसने कोकीन को बिस्किट और चॉकलेट के डिब्बों में छिपाकर लाने की कोशिश की।
300 कैप्सूल में छिपाई थी कोकीन
DRI को एक विशेष खुफिया सूचना मिली थी, जिसके आधार पर महिला को हवाई अड्डे पर रोककर उसके सामान की बारीकी से तलाशी ली गई। तलाशी में बिस्किट और चॉकलेट के डिब्बों में बड़ी चतुराई से छिपाए गए 300 कोकीन कैप्सूल बरामद किए गए। जब्त की गई कोकीन का कुल बाजार मूल्य करीब 62 करोड़ रुपये आंका गया है।
NDPS एक्ट के तहत महिला गिरफ्तार
DRI अधिकारियों ने महिला को NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया है। अब यह जांच की जा रही है कि यह ड्रग्स कहां से लाई गई थी, किस नेटवर्क से जुड़ी थी और इसका उद्देश्य क्या था।
ड्रग्स की तस्करी में बिस्किट और चॉकलेट का इस्तेमाल
यह पहली बार नहीं है जब मादक पदार्थों की तस्करी में खाद्य पदार्थों या रोज़मर्रा के सामान का इस्तेमाल किया गया हो। इस मामले में भी महिला ने कोकीन को विशेष रूप से तैयार डिब्बों में छिपाया था ताकि वह जांच एजेंसियों की नजरों से बच सके। लेकिन DRI की सतर्कता के चलते यह तस्करी नाकाम रही।
नवी मुंबई में मेफेड्रोन तस्करों का भंडाफोड़
इस घटना से पहले, नवी मुंबई पुलिस ने भी एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 75.6 लाख रुपये मूल्य की 252.3 ग्राम मेफेड्रोन जब्त की थी। यह छापा दीघा के ईश्वर नगर स्थित एक इमारत पर मारा गया था।
पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया जिनमें दो महिलाएं भी शामिल थीं:
- उषा रोशन नाइक (36)
- शैलेश बसन्ना नाइक उर्फ पिल्लू (36)
- ज्योति नीलेश नाइक (32)
- नीलेश बसन्ना नाइक उर्फ बाबू (37)
संगठित गिरोह की जांच में जुटी पुलिस
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, पकड़े गए आरोपी एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं जो स्थानीय लोगों को ड्रग्स बेचते थे। पुलिस को आशंका है कि यह गिरोह काफी बड़ा नेटवर्क चला रहा था और अब उसकी जड़ तक पहुंचने के लिए जांच जारी है।
इस मामले में भी भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 111 (संगठित अपराध) और NDPS एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
ड्रग्स के खिलाफ मुहिम तेज
लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से साफ है कि भारत में ड्रग्स की तस्करी को लेकर एजेंसियां बेहद सतर्क हैं। एयरपोर्ट्स, बंदरगाहों और स्थानीय इलाकों में लगातार निगरानी और खुफिया कार्रवाई से ऐसे नेटवर्क पर शिकंजा कसना जारी है। इन मामलों ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि ड्रग माफिया नई-नई तरकीबों का इस्तेमाल करके अपना जाल फैलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी उनकी योजनाओं को विफल कर रही है।





