ओडिशा के बालासोर जिले में फकीर मोहन कॉलेज की एक छात्रा द्वारा उत्पीड़न से परेशान होकर खुद को आग लगाए जाने की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इलाज के दौरान एम्स भुवनेश्वर में छात्रा की मौत हो गई, जिसके बाद यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है। राज्य सरकार से लेकर विपक्ष तक हर कोई इस घटना पर प्रतिक्रिया दे रहा है।
Contents
छात्रा ने क्यों लगाई खुद को आग?
- छात्रा बालासोर के फकीर मोहन ऑटोनोमस कॉलेज में पढ़ती थी।
- उत्पीड़न से परेशान होकर उसने आत्मदाह का कदम उठाया।
- घटना के बाद उसे पहले जिला अस्पताल और फिर एम्स भुवनेश्वर रेफर किया गया।
इलाज के दौरान मौत
- छात्रा को 12 जुलाई की शाम 5:15 बजे AIIMS भुवनेश्वर के बर्न ICU में भर्ती कराया गया।
- डॉक्टरों ने उसे एंटीबायोटिक्स दिए और वेंटिलेटर पर रखा।
- गहन उपचार के बावजूद, 14 जुलाई की रात 11:46 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया।
सरकार की प्रतिक्रिया
डिप्टी सीएम प्रवति परिदा ने क्या कहा?
- उपमुख्यमंत्री ने एम्स पहुंचकर परिजनों और डॉक्टरों से मुलाकात की।
- उन्होंने कहा, “यह बहुत ही दुखद घटना है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पूरी जांच होगी।”
मुख्यमंत्री मोहन माझी का बयान
- मुख्यमंत्री ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा: “छात्रा की जान बचाने के हर संभव प्रयास किए गए, लेकिन हम असफल रहे। दोषियों को कानून के तहत सजा दिलाई जाएगी। मैंने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। सरकार परिवार के साथ खड़ी है।”
विपक्ष का विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस और बीजेडी सड़कों पर
- छात्रा की मौत के बाद कांग्रेस और बीजेडी ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।
- AIIMS के बाहर कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया।
- एफएम कॉलेज के प्रिंसिपल और एचओडी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
- घटना की जांच जारी है।
राष्ट्रपति ने भी जताई संवेदना
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी एम्स पहुंचकर छात्रा के परिवार से मुलाकात की थी।
- उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाया और संवेदना प्रकट की।
यह घटना केवल एक छात्रा की नहीं, बल्कि समाज और शैक्षणिक संस्थानों में मौजूद समस्याओं की गंभीर तस्वीर है। मुख्यमंत्री की कड़ी कार्रवाई की बात और विपक्ष के विरोध से यह साफ है कि यह मामला आगे भी राज्य की राजनीति में चर्चा में बना रहेगा।





