BY: Yoganand Shrivastava
मुंबई से सटे नायगांव इलाके में एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। 10वीं कक्षा के एक छात्र की एसी वायरिंग से करंट लगने के कारण मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब वह अपने दोस्तों के साथ सोसाइटी में बैडमिंटन खेल रहा था। इस पूरी घटना का वीडियो CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गया है, जो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
हादसा कैसे हुआ?
घटना शुक्रवार शाम करीब 7 बजे की है। नायगांव के एक रिहायशी परिसर में 15 वर्षीय छात्र आकाश संतोष साहू अपने दोस्तों के साथ बैडमिंटन खेल रहा था। खेल के दौरान शटलकॉक पहली मंजिल पर बने एक फ्लैट की खिड़की में फंस गई। आकाश जब शटल निकालने के लिए खिड़की पर चढ़ा, तो उसे जोरदार करंट का झटका लगा, और वह तुरंत बेहोश होकर नीचे गिर पड़ा।
CCTV फुटेज में कैद हुई भयावह तस्वीर
CCTV वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि आकाश खिड़की के पास चढ़ता है, फिर अचानक करंट लगने से उसका शरीर झटके खाता है और वह गिर जाता है। उसके साथी घबराकर उसकी ओर दौड़ते हैं और पानी डालने की कोशिश करते हैं। एक दोस्त ने उसे छूकर बचाने की कोशिश की लेकिन उसे भी झटका लगा, जिसके बाद बाकी दोस्त भी डर गए। कुछ देर तक हिलाने-डुलाने के बाद जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो वे आकाश को उठाकर अस्पताल की ओर भागे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जिस फ्लैट की खिड़की से करंट आया, वहां एयर कंडीशनर की वायरिंग में संभवतः तकनीकी खामी थी। यह स्पष्ट नहीं है कि वायरिंग खुले में थी या इन्सुलेशन टूटा हुआ था, लेकिन सवाल उठ रहा है कि एक रिहायशी परिसर में एसी से इतना तेज करंट कैसे लीक हुआ?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि CCTV फुटेज जब्त कर लिया गया है और फ्लैट मालिक व इलेक्ट्रिशियन से पूछताछ की जाएगी। यह भी जांच का विषय है कि सोसाइटी प्रबंधन ने वायरिंग और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी की कितनी निगरानी की थी।
दोस्तों की कोशिश, लेकिन नाकाम
वीडियो में आकाश के चार दोस्त मौके पर तुरंत भागकर आते हैं, पानी डालते हैं, और उसे होश में लाने की हर संभव कोशिश करते हैं। लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो वे उसे उठाकर मदद के लिए दौड़ते हैं। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आकाश को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लापरवाही या हादसा?
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सोसाइटीज़ में बिजली से जुड़ी सुरक्षा का पर्याप्त ध्यान रखा जा रहा है? बच्चों की खेलती हुई जिंदगी यूं झटके में खत्म हो जाना सिर्फ एक दुर्भाग्य नहीं, बल्कि सिस्टम की बड़ी चूक का नतीजा हो सकता है।
अब देखना यह है कि क्या इस दर्दनाक हादसे के पीछे जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्रवाई होती है, या फिर यह केस भी अन्य हादसों की तरह धीरे-धीरे भुला दिया जाएगा।





