बिहार से एक बार फिर ऐसी खबर आई है जो राज्य सरकार पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है। आपने हाल ही में बिहार से ऐसी कई खबरें सुनी होंगी कि निर्माणाधीन पुल या कुछ दिन पहले उद्घाटन किए गए पुल पानी के तेज बहाव में डूब गए हैं। एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है। दरअसल, भागलपुर में सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा नदी पर निर्माणाधीन फोर लेन पुल शनिवार को तीसरी बार गंगा नदी में भरभरा कर गिर गया।
बता दें कि सुल्तानगंज से अगुवानी घाट की तरफ से पिलर नंबर 9 और 10 के बीच का हिस्सा गंगा नदी में गिरा है। इस महासेतु का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी करा रही है। भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में बन रहा यह पुल खगड़िया और भागलपुर जिला को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है।
पहले दो बार गिर चुका है पुल
सबसे बड़ी बात ये है कि ये महासेतु पहली बार नहीं बल्कि तीसरी बार गंगा नदी में गिरा है। सबसे पहले 27 अप्रैल 2022 को इस निर्माणाधीन पुल का सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिर गया था। उस वक्त तेज आंधी बारिश की वजह से 100 फीट लंबा हिस्सा भरभराकर नदी में गिरा था। गनीमत रही थी कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई थी।
दूसरी बार 4 जून 2023 को सुल्तानगंज-अगुवानी गंगा नदी पर निर्माणाधीन फोर लेन पुल जमींदोज हो गया था। निर्माणाधीन पुल का सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिरने की वजह से ड्यूटी कर रहे दो गार्ड भी इस हादसे में लापता हो गए थे। दूसरी बार पुल के पाया नंबर 10, 11, 12 के ऊपर का पूरा सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिर गया था जो पुल का लगभग 200 मीटर हिस्सा आंका गया था। हालांकि, इस बार करीब 80 प्रतिशत काम सुपर स्ट्रक्चर का पूरा हो गया था। साथ ही अप्रोच रोड का काम भी 45 फीसद पूरा कर लिया गया है। इन सबके बीच तीसरी बार महासेतु ध्वस्त हुआ है।
बिहार सरकार की है महत्वाकांक्षी परियोजना
बता दें कि भागलपुर-सुल्तानगंज अगुवानी पुल उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना को पूरा करने में 1710.77 करोड़ की लागत आने वाली है। सीएम नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को इसका शिलान्यास किया था। इस पुल और सड़क निर्माण से एनएच 31 और एनएच 80 आपस में जुड़ जाएंगे। इस पुल की लंबाई 3.160 किलोमीटर जबकि एप्रोच पथ की कुल लंबाई करीब 25 किलोमीटर है।