प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील के रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के बाद राजधानी ब्रासीलिया पहुंचे, जहां उनका पारंपरिक और भव्य स्वागत किया गया। इस ऐतिहासिक पल में स्थानीय और भारतीय मूल के लोगों ने भारतीय संस्कृति की झलक पेश करते हुए मोदी को संस्कृत मंत्रोच्चार और पारंपरिक नृत्य के साथ अभिनंदित किया।
एयरपोर्ट पर पारंपरिक अंदाज में हुआ स्वागत
- पीएम मोदी के ब्रासीलिया आगमन पर एयरपोर्ट पर ब्राजील की परंपराओं के अनुसार ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया।
- इसके बाद होटल पहुंचने पर भारतीय मूल के नागरिकों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया।
संस्कृत मंत्रोच्चार ने मोहा मन
सबसे खास बात यह रही कि स्थानीय ब्राजीलियाई लोगों ने संस्कृत में मंत्रों का उच्चारण कर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। यह दृश्य न केवल भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि विश्व में भारतीय आध्यात्म और परंपराएं कितनी लोकप्रिय हो चुकी हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति से द्विपक्षीय मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच कई अहम विषयों पर चर्चा होगी, जिनमें शामिल हैं:
- व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करना
- वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए साझा रणनीति
- स्वास्थ्य, तकनीक, और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग
बोलीविया और उरुग्वे के नेताओं से भी हुई बातचीत
ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने बोलीविया और उरुग्वे के राष्ट्राध्यक्षों से भी द्विपक्षीय बातचीत की:
बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस अल्बर्टो आर्से कैटाकोरा से चर्चा:
- महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग
- स्वास्थ्य सेवाएं, व्यापार और अंतरिक्ष में संभावनाएं
- दोनों देशों के बीच संबंधों को विविध और मजबूत बनाने पर सहमति
पीएम मोदी ने कहा, “बोलीविया, भारत के लिए लैटिन अमेरिका में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।”
उरुग्वे के राष्ट्रपति यामांडू ओरसी से मुलाकात:
- डिजिटल तकनीक, UPI, रक्षा और रेलवे में साझेदारी
- कृषि, ऊर्जा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा
- लोगों से लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करने पर जोर
वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत उपस्थिति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह लैटिन अमेरिकी यात्रा भारत की वैश्विक नीति और कूटनीतिक सक्रियता का प्रमाण है। संस्कृत मंत्रों से स्वागत, बहुपक्षीय मुलाकातें और द्विपक्षीय सहयोग के नए अध्याय दर्शाते हैं कि भारत आज विश्व मंच पर एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है।