अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी सख्त और स्पष्ट विदेश नीति का प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर घोषणा करते हुए कहा कि जो भी देश ब्रिक्स (BRICS) की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ेगा, उस पर अमेरिका 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस नीति में किसी को भी अपवाद नहीं मिलेगा। ट्रंप का यह बयान वैश्विक व्यापार और कूटनीति के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है।
ट्रंप का आधिकारिक बयान
ट्रंप ने कहा:
“कोई भी देश जो BRICS की अमेरिका विरोधी रणनीतियों से जुड़ता है, उस पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इस नियम में कोई छूट नहीं होगी। सभी संबंधित पक्षों से आग्रह है कि इस नीति को गंभीरता से लें।”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अमेरिका की ओर से अंतरराष्ट्रीय टैरिफ दस्तावेज और व्यापार समझौते 7 जुलाई सोमवार को दोपहर 12 बजे (ईस्टर्न टाइम) से वितरित किए जाएंगे।
अमेरिका टैरिफ क्यों लगाता है?
टैरिफ लगाने के पीछे अमेरिका की कई रणनीतिक और आर्थिक वजहें होती हैं:
🔹 घरेलू उद्योग को सुरक्षा:
- इंपोर्टेड वस्तुओं को महंगा कर देना, जिससे स्थानीय उत्पादकों को प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलती है।
- स्थानीय नौकरियों और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
🔹 व्यापार संतुलन में सुधार:
- अमेरिका उन देशों पर टैरिफ लगाता है जिनसे उसका व्यापार घाटा ज्यादा होता है।
🔹 रणनीतिक उद्योगों की सुरक्षा:
- जैसे स्टील, टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में विदेशी निर्भरता कम करने के लिए।
🔹 दबाव की रणनीति:
- किसी देश को अनुचित व्यापार प्रथाओं (जैसे डंपिंग) से रोकने के लिए।
- व्यापार समझौतों में फायदा लेने के लिए।
🔹 जवाबी कार्रवाई:
- अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी टैरिफ बढ़ाकर जवाब देता है।
क्या टैरिफ की धमकी देना वैध है?
हां, यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का हिस्सा है।
देश अक्सर टैरिफ को एक राजनयिक या आर्थिक हथियार की तरह उपयोग करते हैं:
- व्यापार वार्ता में फायदा पाने के लिए
- राजनीतिक दबाव बनाने के लिए
- सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए
डोनाल्ड ट्रंप पहले भी अपनी “America First” नीति और आक्रामक व्यापार रुख के लिए सुर्खियों में रह चुके हैं।
ब्रिक्स को लेकर क्यों आक्रामक हैं ट्रंप?
BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, साउथ अफ्रीका) जैसे देशों का गठबंधन अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती देने की क्षमता रखता है।
हाल के वर्षों में इसमें कई नए देश शामिल हुए हैं, और इसकी अमेरिका-विरोधी छवि मजबूत होती जा रही है।
इससे अमेरिका को अपनी वैश्विक आर्थिक पकड़ और भू-राजनीतिक दबदबे पर खतरा महसूस हो रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान न सिर्फ BRICS देशों के लिए चेतावनी है, बल्कि वैश्विक व्यापार पर संभावित असर का भी संकेत देता है।
अगर यह नीति लागू होती है, तो अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।