भोपाल के हबीबगंज थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 68 वर्षीय बुजुर्ग को खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज बताने वाले अज्ञात व्यक्ति ने एक महीने तक कॉल और मैसेज कर मानसिक रूप से परेशान किया।
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घटना की शुरुआत: जब बेटी का नाम लेकर आया कॉल
- तारीख: 24 दिसंबर 2024
- स्थान: अरेरा कॉलोनी, भोपाल
- बुजुर्ग को एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बताया और कहा, “आपकी बेटी मेरे बेटे के साथ पढ़ती है।”
- WhatsApp पर भी लगातार मैसेज आने लगे।
- कॉलर की प्रोफाइल फोटो में सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज की तस्वीर थी, जिससे बुजुर्ग भ्रमित हो गए और कुछ दिनों तक बातचीत करते रहे।
बातों में नहीं था कोई तर्क, रात में आते थे कॉल
- शुरुआत में सब सामान्य लगा, लेकिन फिर कॉल और मैसेज का समय रात 12 से 2 बजे के बीच होने लगा।
- कॉलर की बातें बेतुकी और बेवजह की थीं। कोई उद्देश्य या तर्क नहीं था।
- धीरे-धीरे बुजुर्ग को मानसिक परेशानी होने लगी।
बेटे ने दर्ज कराई शिकायत
- बुजुर्ग ने अपनी परेशानी बेटे को बताई।
- बेटे ने तुरंत हबीबगंज थाने में शिकायत दी।
- पुलिस जांच के बाद अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।
अब आगे क्या?
भोपाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि साइबर अपराधी विश्वसनीय पहचान और नामों का दुरुपयोग कर लोगों को भ्रमित कर सकते हैं।
सुरक्षा के लिए सुझाव:
- अनजान नंबर से आए कॉल पर तुरंत भरोसा न करें।
- WhatsApp DP या प्रोफाइल देखकर किसी की पहचान न मानें।
- किसी भी प्रकार की असामान्य गतिविधि पर पुलिस को तुरंत सूचित करें।
इस घटना से यह स्पष्ट है कि साइबर अपराधी अब नए-नए तरीके अपना रहे हैं। भोपाल का यह मामला न केवल सतर्क रहने की चेतावनी देता है, बल्कि यह भी बताता है कि किसी भी असामान्य कॉल या मैसेज को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पुलिस की समय पर कार्रवाई से बुजुर्ग को राहत मिली है और जांच जारी है।