आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले में स्थित फतेहाबाद कस्बे और विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर सिंदूरपुरम रखने का रास्ता साफ हो सकता है। ज़िला पंचायत बोर्ड ने सोमवार को हुई बैठक में इसके लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर दिया। इसके अलावा ऐतिहासिक स्थल बादशाही बाग का नाम बदलकर श्री ब्रह्मबाग रखने का प्रस्ताव भी पास किया गया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सम्मान में लिया गया फैसला
पंचायत के अनुसार, यह नाम परिवर्तन ऑपरेशन सिंदूर के सम्मान में किया जा रहा है। आपको बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की दर्दनाक मौत हो गई थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल का भी इस्तेमाल हुआ था।
‘ऐतिहासिक फैसला’, ज़िला पंचायत प्रमुख का बयान
ज़िला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया ने इसे “ऐतिहासिक फैसला” बताते हुए कहा,
“यह हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक है। सभी पंचायत सदस्यों ने एकमत से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा।”
नाम बदलने की कानूनी प्रक्रिया क्या है?
किसी शहर या क्षेत्र का नाम बदलने के लिए तय प्रक्रिया अपनाई जाती है:
- सबसे पहले प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाता है।
- राज्य मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की मंजूरी के बाद इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाता है।
- केंद्र सरकार की सहमति मिलने पर राज्यपाल की मंजूरी ली जाती है।
- इसके बाद गजट नोटिफिकेशन जारी होता है, तभी नाम आधिकारिक रूप से बदलता है।
बादशाही बाग का भी बदलेगा नाम
करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित ऐतिहासिक बादशाही बाग, जो मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब से जुड़ा हुआ है, उसका नाम बदलकर श्री ब्रह्मबाग करने का प्रस्ताव भी पास हुआ है। यह नाम भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्तेमाल हुई ब्रह्मोस मिसाइल और हिंदू धार्मिक आस्था से प्रेरित बताया जा रहा है।
इतिहास में छुपा फतेहाबाद का सच
- वर्तमान में फतेहाबाद कस्बा ऐतिहासिक रूप से समुगढ़ के नाम से जाना जाता था।
- वर्ष 1658 में मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने अपने भाई दारा शिकोह को समुगढ़ की लड़ाई में हराने के बाद इसका नाम फतेहाबाद रखा था।
जनता में मिलेजुले रिएक्शन
नाम बदलने के इस फैसले पर स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ लोग इसे गौरवपूर्ण बता रहे हैं तो कुछ इसे ऐतिहासिक पहचान मिटाने वाला कदम मानते हैं।





