स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2025 में अपने परमाणु बमों की संख्या में इजाफा किया है और इस मामले में पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, चीन अब भी भारत से कहीं आगे है और सबसे तेज़ी से परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ा रहा है।
इस रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों की दौड़ अभी भी जारी है और एशिया में यह प्रतिस्पर्धा और भी तेज होती जा रही है।
भारत, पाकिस्तान और चीन: परमाणु ताकत की स्थिति 2025 में
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक,
- भारत के पास अब 180 परमाणु हथियार हैं, जबकि 2024 में यह संख्या 172 थी।
- पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं, जो पिछले साल की संख्या के बराबर है।
- चीन के पास 600 परमाणु हथियार हैं, जो 2024 में 500 थे।
चीन दुनिया का एकमात्र देश है जो सबसे तेज़ गति से परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रहा है।
अमेरिका और रूस के पास है दुनिया के 90% परमाणु हथियार
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का 90% हिस्सा केवल अमेरिका और रूस के पास है:
- रूस: 4,309 परमाणु हथियार
- अमेरिका: 3,700 परमाणु हथियार
इतिहास के अनुसार, परमाणु हथियारों का पहला परीक्षण अमेरिका ने किया था। इसके बाद सोवियत संघ ने इस क्षेत्र में कदम रखा और शीत युद्ध के दौर में दोनों देशों ने भारी मात्रा में हथियार बनाए।
अन्य परमाणु संपन्न देश और उनकी स्थिति
अन्य प्रमुख देशों के पास मौजूद परमाणु हथियारों की संख्या कुछ इस प्रकार है:
- फ्रांस: 290
- ब्रिटेन: 225
- इज़रायल: 90 (आधिकारिक पुष्टि नहीं)
- उत्तर कोरिया: 50
इज़रायल ने कभी आधिकारिक तौर पर यह नहीं स्वीकारा कि उसके पास परमाणु हथियार हैं, लेकिन SIPRI की रिपोर्ट में इसका अनुमान शामिल है।
यह भी पढें: ईरान-इजरायल युद्ध के बीच भारत सरकार का बड़ा कदम: कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर जारी
बढ़ती वैश्विक चिंता
SIPRI की यह रिपोर्ट वैश्विक सुरक्षा के लिए एक चेतावनी है। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही प्रतिस्पर्धा, चीन की बढ़ती परमाणु क्षमता और अमेरिका-रूस का प्रभुत्व, सभी मिलकर एक अस्थिर रणनीतिक वातावरण बनाते हैं।
यह रिपोर्ट न केवल आंकड़ों की प्रस्तुति है, बल्कि यह संकेत भी देती है कि दुनिया को शांति और सामरिक संतुलन बनाए रखने की सख्त ज़रूरत है।