BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली, बॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्मकार इम्तियाज अली आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। 16 जून 1971 को झारखंड के जमशेदपुर में जन्मे इम्तियाज ने एक्टिंग का सपना लेकर फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था, लेकिन किस्मत उन्हें डायरेक्शन की ओर ले गई। अभिनय से निर्देशन तक का उनका यह सफर काफी संघर्षों से भरा रहा, लेकिन आज वे हिंदी सिनेमा के सबसे संवेदनशील और लोकप्रिय निर्देशकों में गिने जाते हैं।
श्रीमद्भगवद्गीता से आध्यात्मिक जुड़ाव
इम्तियाज अली सिर्फ फिल्में ही नहीं, आध्यात्मिक ग्रंथों से भी गहरा रिश्ता रखते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि बचपन से ही उन्हें हिंदू धार्मिक ग्रंथों, खासकर श्रीमद्भगवद्गीता में गहरी रुचि रही है।
उनके अनुसार, “गीता एक ऐसी किताब है जिसे मैंने कई बार पढ़ा और हर बार कुछ नया समझा। आज भी ये मेरी टेबल पर रखी रहती है और मैं नियमित रूप से इसके कुछ पन्ने पढ़ता हूं।”
यह आध्यात्मिकता उनके दृष्टिकोण और सिनेमा की सोच में भी झलकती है।
टीवी से फिल्मों तक का सफर
बहुत कम लोग जानते हैं कि इम्तियाज अली ने टीवी सीरियल्स से अपने निर्देशन की शुरुआत की थी। उन्होंने ‘महाभारत’ और ‘कुरुक्षेत्र’ जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों का निर्देशन किया, जिससे उन्हें तकनीकी और रचनात्मक दृष्टि से मजबूत आधार मिला।
इसके बाद उन्होंने 2005 में अपनी पहली फिल्म ‘सोचा न था’ का निर्देशन किया, जो बॉक्स ऑफिस पर तो नहीं चली, लेकिन उनकी स्टोरीटेलिंग की झलक दर्शकों और आलोचकों को दिखी।
‘जब वी मेट’ से बदली किस्मत
साल 2007 में शाहिद कपूर और करीना कपूर स्टारर ‘जब वी मेट’ ने इम्तियाज अली को रातों-रात सफल निर्देशक बना दिया। इस फिल्म की कहानी, संवाद और किरदारों ने युवाओं के दिल में खास जगह बनाई।
इसके बाद उन्होंने ‘लव आज कल’, ‘रॉकस्टार’, ‘हाईवे’ जैसी फिल्मों से खुद को एक भावनात्मक और संवेदनशील निर्देशक के रूप में स्थापित किया।
OTT पर भी दिखाई धमक
हाल ही में इम्तियाज ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ‘अमर सिंह चमकीला’ जैसी बायोपिक के जरिए एक बार फिर दर्शकों का दिल जीत लिया। इस फिल्म में दिलजीत दोसांझ ने मुख्य भूमिका निभाई थी। अब इम्तियाज एक नई फिल्म पर काम कर रहे हैं जिसमें दिलजीत के साथ शारवरी वाघ, वेदांग रैना और नसीरुद्दीन शाह जैसे कलाकार शामिल होंगे। हालांकि, इस फिल्म का टाइटल अभी घोषित नहीं हुआ है।
आज के दिन खास क्यों है?
इम्तियाज अली का जन्मदिन उनके चाहने वालों के लिए सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि रचनात्मकता, संघर्ष और आत्मिक सोच को सेलिब्रेट करने का दिन है। इम्तियाज अली आज भले ही एक सफल फिल्मकार हों, लेकिन उनका सफर उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सपनों और आध्यात्मिकता दोनों के संतुलन में विश्वास रखते हैं।