हर बीतते दिन के साथ उम्मीदें टूटती जा रही थीं। ललिता जाटव के लिए अपने तीन साल के बेटे रक्षम से बिछड़ने का दर्द बयां करना मुश्किल था। लेकिन जैसे भगवान ने उनकी पुकार सुन ली—एक फोन कॉल ने पूरा परिदृश्य ही बदल दिया।
बुधवार की सुबह जब पुलिस ने रक्षम को उसके परिवार को सौंपा, तो ललिता की आंखों में आंसू और चेहरे पर राहत थी।
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ललिता ने बताया,
“चार दिन बाद बेटे ने पहली बार मेरे हाथ से कुछ खाया। वह कमजोर जरूर हो गया है, लेकिन सुरक्षित है। जिसने उसे अपने पास रखा, उसने उसकी पूरी देखभाल करने की कोशिश की।”
- बच्चा अब भी गुमसुम है और ज्यादा नहीं बोल रहा है
- मेडिकल जांच में चोट या दुर्व्यवहार के कोई निशान नहीं
- भावनात्मक रूप से वह अभी भी सदमे में है
कैसे मिली पुलिस को रक्षम की जानकारी?
पुलिस को खुद एक शख्स ने फोन कर बताया कि रक्षम उसके पास है। यह कॉल मथुरा पुलिस को मिला, जिसने तुरंत खाटूश्याम पुलिस से संपर्क किया।
लोकेशन:
- उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के शेरगढ़ थाना क्षेत्र का स्यारहा गांव
700 से ज्यादा CCTV फुटेज की जांच
जांच का विवरण:
- 7 जून को ललिता जाटव ने अपने बेटे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी
- सीकर पुलिस ने पूरे इलाके में 700 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले
- जांच में पता चला कि बच्चा वृंदावन के आसपास के क्षेत्र में हो सकता है
पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने बताया:
“हमारी टीमों ने कई राज्यों में समन्वय किया। अंततः बच्चा सही-सलामत बरामद हुआ।”
आरोपी ने सरपंच को सौंपा बच्चा, फिर हुआ फरार
जैसे ही पुलिस दबिश देने पहुंची, आरोपी ने स्थानीय सरपंच को बच्चा सौंप दिया और खुद भाग गया।
- पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है
- जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जताई गई है
- बच्चा सुरक्षित परिवार के पास पहुंचा दिया गया है
क्या हुआ था 6 जून को?
घटना का पूरा विवरण:
- तारीख: 6 जून, निर्जला एकादशी
- स्थान: खाटूश्यामजी मंदिर
- रक्षम अपनी मां और नानी के साथ दर्शन के लिए गया था
- भीड़ और तेज धूप के कारण एक अनजान व्यक्ति को बच्चा सौंप दिया गया
- वह व्यक्ति बाद में बच्चे को लेकर फरार हो गया
ललिता जाटव ने कहा:
“वह व्यक्ति हमारे साथ जयपुर से आया था। बातचीत में विश्वास हो गया, इसलिए बच्चा उसे सौंपा। लेकिन वही धोखा दे गया।”
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मां की ममता की जीत
यह मामला सिर्फ एक पुलिस जांच नहीं, बल्कि एक मां की ममता, विश्वास और संघर्ष की मिसाल है। पुलिस की सतर्कता और तकनीक के सहारे एक मासूम की जिंदगी फिर से सुरक्षित हाथों में लौटी है।