मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के घंसौर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक विवाहित युवक ने एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगाया, फिर उसे ₹7 लाख में बेचने की कोशिश की। जब सौदा नहीं हो पाया, तो लड़की की जबरन शादी करवा दी गई।
इस मामले में पुलिस की लापरवाही ने भी कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि परिवार द्वारा समय रहते शिकायत दर्ज कराने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
घटना की पूरी कहानी – कब क्या हुआ?
- तीन महीने पहले: विवाहित युवक ने नाबालिग को प्रेमजाल में फंसाकर गांव से भगाया।
- परिजनों ने घंसौर थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- युवक ने लड़की को ₹7 लाख में बेचने की योजना बनाई थी।
- सौदा फेल होने पर उसने लड़की की जबरन शादी करवा दी।
पुलिस पर गंभीर सवाल, CM हेल्पलाइन पर भी नहीं मिला न्याय
परिजनों ने जब देखा कि स्थानीय पुलिस कोई मदद नहीं कर रही है, तो उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई।
लेकिन हैरानी की बात यह रही कि इसके बाद भी पुलिस ने लड़की की तलाश शुरू नहीं की।
यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है और आम नागरिकों के लिए चिंता का विषय है।
तीन महीने बाद नाबालिग ने खुद किया संपर्क, बताई आपबीती
लगभग तीन महीने बाद, लड़की ने अपने परिवार से संपर्क किया और जो खुलासा हुआ, वह बेहद चौंकाने वाला था:
- आरोपी युवक ने गुजरात में ₹7 लाख में बेचने की योजना बनाई थी।
- सौदा नहीं हो सका, तो लड़की को अपने रिश्तेदार के यहां छोड़ दिया।
- इसके बाद उसने लड़की की शादी घंसौर के ही एक गांव में करवा दी।
मीडिया में मामला आते ही सक्रिय हुई पुलिस
जैसे ही यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया, घंसौर की अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (SDOP) नम्रता सिसोदिया ने फौरन कार्रवाई की:
- सूचना मिलने के 12 घंटे के भीतर लड़की को थाने बुलवाया गया।
- लड़की ने बताया कि आरोपी युवक पहले से शादीशुदा था और उसे बेचने की कोशिश की थी।
- अब पुलिस इस मामले में गंभीरता से जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
क्या कहता है यह मामला समाज और सिस्टम के बारे में?
यह घटना सिर्फ एक लड़की की कहानी नहीं, बल्कि सिस्टम की खामियों और पुलिस की निष्क्रियता की एक जीती-जागती मिसाल है।
बाल तस्करी, जबरन विवाह और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ठोस कार्रवाई और संवेदनशील पुलिसिंग आज की सबसे बड़ी जरूरत है।





