बिहार के सीतामढ़ी जिले में अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हत्या, लूट, चोरी और बाइक चोरी जैसे गंभीर अपराध आम जनता की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। खासकर युवतियों के अपहरण के मामले हाल के महीनों में बढ़े हैं, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है। इस लेख में हम रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र से सामने आए एक ताजा अपहरण मामले की पूरी जानकारी देंगे, जो न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है।
सीतामढ़ी में अपराध का बढ़ता ग्राफ
- हत्या, लूट, और चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
- युवतियों के अपहरण के मामले चिंता का विषय बने हुए हैं।
- पुलिस की कड़ी कार्रवाई के बावजूद अपराध कम नहीं हो रहा।
- कई बार अपहरण के मामलों के पीछे प्रेम प्रसंग की वजह निकलती है।
यह स्थिति स्थानीय निवासियों की चिंता को बढ़ा रही है और वे अपनी सुरक्षा को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
आदर्श हाईस्कूल की छात्रा का अपहरण
रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के मधौल गांव की एक छात्रा, जो आदर्श हाईस्कूल में पढ़ती है, 28 मई को अंकपत्र लेने के लिए स्कूल गई थी, लेकिन शाम तक घर वापस नहीं लौटी। परिवार ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन जब कोई जानकारी नहीं मिली तो उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई।
अपहरण में संलिप्त चार युवकों के नाम
छात्रा के पिता की शिकायत के अनुसार, चार युवकों ने उनकी बेटी को जबरन उठा लिया है। आरोपीयों के नाम और पते इस प्रकार हैं:
- सोनू कुमार (मुजफ्फरपुर जिला, औराई थाना क्षेत्र, जीवाजोर गांव)
- वरुण कुमार (मुजफ्फरपुर जिला, औराई थाना क्षेत्र, जीवाजोर गांव)
- सूरज कुमार (रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र, बसतपुर गांव)
- चंद किशोर (रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र)
पुलिस अब इन युवकों की तलाश में जुटी हुई है और छात्रा की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
पुलिस की जांच और स्थानीय प्रतिक्रिया
- पुलिस ने मामला गंभीरता से लिया है और त्वरित कार्रवाई कर रही है।
- स्थानीय लोग सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग कर रहे हैं।
- परिवार ने पुलिस से बेटी की सुरक्षित बरामदगी की अपील की है।
सीतामढ़ी में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत
सीतामढ़ी में बढ़ते अपराध ने आम जनता की चिंता को बढ़ा दिया है। खासकर लड़कियों की सुरक्षा पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। पुलिस को चाहिए कि वे प्रभावी कदम उठाकर ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाएं और लोगों का विश्वास पुनः स्थापित करें। परिवारों को भी सतर्क रहना होगा और समय-समय पर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।





