भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) आज दोपहर 12 बजे महत्वपूर्ण वार्ता करने जा रहे हैं। यह वार्ता 10 मई 2025 से लागू युद्धविराम के बाद हो रही है, जब पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया था।
इस चर्चा के मुख्य बिंदु होंगे:
- युद्धविराम का पालन – सुनिश्चित करना कि कोई और उल्लंघन न हो।
- तनाव कम करने के उपाय – भविष्य में झड़पों को रोकने के लिए कदम।
- दीर्घकालिक शांति की संभावना – क्या यह युद्धविराम स्थायी होगा?
रक्षा विशेषज्ञ सज्जीव श्रीवास्तव ने इस बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा:
“इस बैठक का मुख्य फोकस युद्धविराम को स्थायी बनाना और यह सुनिश्चित करना होगा कि पाकिस्तान फिर से कोई उकसावे वाला कदम न उठाए।”
महत्वपूर्ण घटनाक्रम
- ऑपरेशन सिंदूर – पाकिस्तान की आक्रामकता के जवाब में भारत की कार्रवाई।
- अमेरिकी मध्यस्थता – रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने युद्धविराम में मध्यस्थता की।
- पाकिस्तान का रुख – पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भविष्य में वार्ता की संभावना जताई, लेकिन तनाव बरकरार है।
आज की वार्ता से क्या उम्मीद की जाए?
- युद्धविराम की सख्त निगरानी – दोनों पक्ष सीमा पर सख्त प्रोटोकॉल पर सहमत हो सकते हैं।
- डिप्लोमैटिक बैकचैनल वार्ता – राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) स्तर की चर्चा हो सकती है।
- भविष्य के विश्वास-निर्माण उपाय (CBMs) – सीमा पार व्यापार या सांस्कृतिक आदान-प्रदान फिर से शुरू हो सकता है।
आज की DGMO वार्ता भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। हालांकि तात्कालिक तौर पर तनाव कम होने की उम्मीद है, लेकिन दीर्घकालिक शांति पाकिस्तान के आतंकवाद पर नियंत्रण पर निर्भर करेगी।