भोपाल पुलिस ने एक चौंकाने वाले अपराध का खुलासा किया है, जिसमें “फरहान गैंग” पर युवतियों को ब्लैकमेल करने और उनका उत्पीड़न करने का आरोप है। इस मामले ने पूरे समुदाय को झकझोर दिया है, जिसमें अब तक तीन पीड़ित सामने आ चुकी हैं, और जांच के दौरान और पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है।
फरहान गैंग मामला क्या है?
फरहान गैंग मामला भोपाल में एक समूह से जुड़ा है, जो युवतियों को फंसाकर उनका शोषण और ब्लैकमेल करता था। मुख्य आरोपी फरहान खान ने कथित तौर पर अपनी पहचान छिपाकर पीड़िताओं को जाल में फंसाया, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और गिरफ्तारियां कीं।
फरहान गैंग ने कैसे काम किया?
लाइव हिन्दुस्तान को दी गई एक पीड़िता की आपबीती के अनुसार, फरहान खान के नेतृत्व में इस गैंग ने धोखे से कमजोर लड़कियों को निशाना बनाया। पीड़िता, जो अब 18 वर्ष की है, ने बताया कि 16 साल की उम्र में इंदौर में पढ़ाई के दौरान उसे निशाना बनाया गया। फरहान, जो उसकी बहन के कॉलेज में पढ़ता था, ने अपनी पहचान छिपाकर उससे संपर्क शुरू किया।
- पहला संपर्क: 2022 में फरहान ने पीड़िता से दोस्ताना अंदाज में बात शुरू की और उसकी अनिच्छा के बावजूद बात करने का दबाव बनाया।
- जबरदस्ती: उसने पीड़िता को सुनसान जगहों पर ले जाकर कथित तौर पर उत्पीड़न किया और अश्लील तस्वीरें व वीडियो बनाए।
- ब्लैकमेल: इन तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल कर फरहान ने उसे बार-बार मिलने के लिए मजबूर किया और परिवार को बताने की धमकी दी।
- धार्मिक दबाव: पीड़िता का दावा है कि फरहान ने उसे धर्म परिवर्तन और बुर्का पहनने के लिए मजबूर किया, साथ ही परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी।
पीड़िता की आपबीती: एक दर्दनाक कहानी
नीलम (बदला हुआ नाम) ने अपनी दिल दहलाने वाली कहानी साझा की। अप्रैल 2023 में फरहान उसे अशोका गार्डन में एक कमरे में ले गया, जहां उसने विरोध के बावजूद उसका उत्पीड़न किया। इसके बाद भी वह तस्वीरें लीक करने और परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकियां देता रहा। इंदौर में स्थानांतरित होने के बाद भी फरहान ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और 8 अप्रैल 2025 को फिर से उसका शोषण किया।
लगातार धमकियों से तंग आकर नीलम ने आखिरकार पुलिस में शिकायत दर्ज की। उसकी हिम्मत ने इस मामले को उजागर किया और गैंग की शातिर हरकतों को सामने लाया।
पुलिस कार्रवाई और जांच
भोपाल पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फरहान खान सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। पुलिस को संदेह है कि इस गैंग में और लोग शामिल हो सकते हैं और अन्य पीड़ित भी सामने आ सकती हैं।
1992 के अजमेर मामले से समानता
यह मामला 1992 के अजमेर ब्लैकमेल मामले की याद दिलाता है, जहां सैकड़ों स्कूल और कॉलेज की छात्राओं का इसी तरह शोषण किया गया था। दोनों मामलों में अपराधियों ने अश्लील तस्वीरों के जरिए पीड़िताओं को ब्लैकमेल किया, जो महिलाओं के खिलाफ अपराधों की गंभीरता को दर्शाता है।
यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है?
फरहान गैंग मामला युवतियों के खिलाफ शिकारी व्यवहार के प्रति जागरूकता और सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह पुलिस की त्वरित कार्रवाई और पीड़ितों के लिए सामुदायिक समर्थन के महत्व को भी उजागर करता है। भोपाल के नागरिक इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त उपायों की मांग कर रहे हैं।