हजारों श्रद्धालुओं ने लिया भाग
मिर्जापुर।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माँ विन्ध्यवासिनी धाम में वैशाख मास की प्रतिपदा तिथि पर पारंपरिक घट जलाभिषेक समारोह श्रद्धा एवं विधि-विधान के साथ सम्पन्न हुआ। यह आयोजन श्री विन्ध्य पण्डा समाज के संरक्षण में संपन्न हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया।
परंपरा के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन प्रातःकाल से ही गंगाजल द्वारा माँ विन्ध्यवासिनी के चरणों का अभिषेक किया गया। इसके उपरांत मंदिर परिसर में स्थित सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्नान कराया गया और सम्पूर्ण परिसर को गंगाजल से शुद्ध किया गया।
रात्रिकालीन निकासी पूजन रहा विशेष आकर्षण
रात्रि के समय निकासी पूजन का आयोजन किया गया, जो श्रद्धा और भक्ति का प्रमुख केंद्र बना रहा। इस अनुष्ठान में माली द्वारा माँ की विशेष रूप से सजाई गई प्रतिमा की स्थापना की गई और वैदिक मंत्रोच्चार व विधिवत पूजन के साथ सम्पूर्ण प्रक्रिया सम्पन्न की गई। इसके पश्चात प्रतिमा को पूरे विन्ध्य क्षेत्र की परिक्रमा कराते हुए दक्षिण दिशा की ओर कुछ किलोमीटर दूर एकांत स्थान पर प्रतिष्ठित किया गया।
नकारात्मक शक्तियों के निवारण हेतु होता है यह विशेष अनुष्ठान
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, वर्षभर श्रद्धालु अपनी समस्याओं के समाधान हेतु टोटके, तांत्रिक क्रियाएं या अदृश्य शक्तियों को मंदिर परिसर अथवा आस-पास छोड़ जाते हैं। इनसे उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए पहले गंगाजल से शुद्धिकरण किया जाता है और फिर विशेष पूजन विधियों से इन शक्तियों को एकत्र कर एकांत स्थान में शांत किया जाता है।
धार्मिक ही नहीं, सांस्कृतिक चेतना का भी प्रतीक
यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह विन्ध्य क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक समरसता, और सामूहिक चेतना को भी उजागर करता है। श्री विन्ध्य पण्डा समाज द्वारा संचालित यह परंपरा सदियों से अक्षुण्ण रूप में चली आ रही है और आज भी पूरे भव्यता एवं श्रद्धा के साथ निभाई जाती है।
माँ विन्ध्यवासिनी धाम में आयोजित इस अनुष्ठान ने एक बार फिर आस्था, परंपरा और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।
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