by: Rishabh Jain
टीकमगढ़: आजादी के 76 वर्षो के बाद भी मध्य प्रदेश के पिछड़े बुंदेलखंड में जात पात भेदभाव कायम है, आज भी कई गांवों की निचली जातियों के लोगों की दाढ़ी व बाल गांव के नाईयो के द्वारा नहीं काटे और बनाये जाते है, जिस कारण गांव के लोगों को अपने बाल कटवाने और दाड़ी बनवाने के लिए जिला मुख्यालय पर आने को मजबूर होना पड़ता है, जी हां हम बात कर रहे है मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के गांव हीरानगर की, जहां के निचली जातियों के लोगों ने थाने में एक आवेदन पत्र देकर मांग की है की गांव के नाईयों द्वारा उनके बाल काटने दाड़ी बनाने और किसी की मृत्यु तक हो जाने के बाद मुण्डन तक नही किया जाता है, मजबूरन गांव के इस वर्ग के लोगों को इन कार्यो के लिए गांव से टीकमगढ़ जिला मुख्यालय आने को मजबूर होना पड़ता है।
वही इस पूरे मामले में गांव में स्थित नई दुकानदारों का कहना है की हमारे बाप दादाओं ने बंशकार समाज के लोगों के कभी बाल नहीं काटे तो हम कैसे काट दे, हमारे गांव में पुराने समय से प्रथा चली आ रही है, हम अपने गांव में सभी लोगों के बाल काटते हैं, लेकिन बंशकार समाज के बाल नहीं काटते है।
वहीं पुलिस का कहना है की थाना प्रभारी के माध्यम से सूचना मिली थी मैंने आवेदन मंगाया है, इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और मौके पर जाकर लोगों को समझाइश दी जाएगी और उनकी समस्या निराकरण किया जाएगा।
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