Mohit Jain
अब राजधानी में शादी सिर्फ धूमधाम से नहीं, बल्कि पर्यावरण नियमों की कसौटी पर भी होगी। मैरिज गार्डनों और शादी हॉलों की वैधता को लेकर नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अब किसी भी मैरिज गार्डन को नगर निगम से वैधता प्रमाणपत्र तभी मिलेगा, जब उसके पास मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) की अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) होगी।
239 मैरिज गार्डनों की वैधता पर सवाल
नए आदेश के बाद राजधानी के 239 मैरिज गार्डनों को दोबारा अपनी वैधता साबित करनी होगी। बिना प्रदूषण बोर्ड की अनुमति के संचालन पर रोक लग सकती है, जिससे शादी समारोहों की प्लानिंग पर सीधा असर पड़ सकता है।
अब सिर्फ फायर सेफ्टी नहीं, पानी-हवा भी जांच के घेरे में
अब तक जांच केवल फायर सेफ्टी और एंट्री-एग्जिट तक सीमित थी, लेकिन अब जल और वायु प्रदूषण को मुख्य मापदंड बनाया गया है।
एमपीपीसीबी की टीम मौके पर जाकर यह जांच करेगी कि:
- गंदा पानी सीधे नालों में तो नहीं छोड़ा जा रहा
- खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाला ईंधन हवा को ज़हरीला तो नहीं बना रहा

प्रदूषण मुक्त शादियां सरकार का नया फोकस
नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का मकसद साफ है-शहर के बीचों-बीच स्थित मैरिज गार्डन रिहायशी इलाकों के लिए परेशानी का कारण न बनें।
शोर (ध्वनि प्रदूषण) से लेकर कचरे के निपटान तक, हर गतिविधि पर अब सरकार की पैनी नजर रहेगी।
शादी तय है? हॉल बुक करने से पहले NOC जरूर देखें
अगर आप भी शादी की तैयारियों में जुटे हैं, तो हॉल बुक करने से पहले MPPCB की वैध NOC जरूर जांच लें।
वरना आखिरी वक्त पर शहनाइयों की जगह नोटिस की आवाज सुनाई दे सकती है।





