Vijay Nandan (वरिष्ठ पत्रकार और डिजिटल एडिटर)
Seoni Malwa News: मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में संचालित पशु एंबुलेंस सेवा ( टोल फ्री नंबर 1962) पशुपालकों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही है। बीमार या घायल पशुओं के इलाज के लिए अब पशुपालकों को भटकना नहीं पड़ रहा, बल्कि एक फोन कॉल पर पशु चिकित्सक की टीम सीधे उनके घर या खेत तक पहुंच रही है।
इस सेवा की एक मिसाल जिला नर्मदापुरम के सिवनी मालवा ब्लाॉक की ग्राम पंचायत लुचगांव में देखने को मिली, जहां पशुपालक मोहन सिंह यादव/ रामचरण यादव की दो महीने से बीमार पड़िया का इलाज लंबे समय से नहीं हो पा रहा था। उन्होंने कई बार स्थानीय पशु चिकित्सकों को बुलाया, लेकिन पशु को कोई खास आराम नहीं मिला। इसी दौरान उन्हें 1962 पशु एंबुलेंस सेवा की जानकारी मिली।
Seoni Malwa News: एक कॉल और कुछ घंटों में पहुंची पशु एंबुलेंस
21 दिसंबर 2025 को दोपहर 12 बजे रामचरण यादव के पुत्रों हेमंत यादव और देवेंद्र यादव ने टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराई। शिकायत दर्ज होने के करीब 4 घंटे के भीतर पशु एंबुलेंस गांव पहुंच गई। एंबुलेंस में पशु चिकित्सक रजक ठाकुर और पैरा-वेट अखिलेश उदेनिया, एंबुलेंस ड्राइवर, टीम मौजूद थी।

डॉक्टर ने पशु की जांच कर बीमारी के कारणों को समझा और तत्काल उपचार शुरू किया। पैरा-वेट द्वारा बुखार के दो इंजेक्शन लगाए गए और कुछ दवाइयां दी गई। डॉक्टर ने आगे की जांच के लिए होशंगाबाद में सिटी स्कैन कराने की सलाह दी, लेकिन मौके पर ही प्राथमिक इलाज उपलब्ध कराकर पशु को राहत दी गई। इस पूरे इलाज के लिए मात्र ₹150 की रसीद काटी गई, इसके अलावा कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया गया।
Seoni Malwa News: पंचायत- गांव में बढ़ा भरोसा
इस सेवा के बाद गांव के अन्य लोगों को भी पशु एंबुलेंस सेवा की जानकारी मिली। अब ग्रामीणों का कहना है कि पशुओं के बीमार होने पर वे सीधे 1962 पर कॉल करेंगे। पशुपालकों में इस सुविधा को लेकर खासा भरोसा और संतोष देखने को मिल रहा है।

Seoni Malwa News: क्या है 1962 पशु एंबुलेंस सेवा
मध्यप्रदेश में पशुधन संजीवनी योजना के तहत यह घर-पहुंच पशु चिकित्सा सेवा संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत पालतू और आवारा दोनों तरह के पशुओं के लिए इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
सेवा की मुख्य विशेषताएं:
- टोल फ्री नंबर: 1962
- समय: सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक
- शुल्क: ₹150 प्रति कॉल (पशुओं की संख्या के आधार पर)
- सेवाएं: पशु उपचार, छोटी सर्जरी, कृत्रिम गर्भाधान, रोग नियंत्रण
- टीम: पशु चिकित्सक, पैरा-वेट और ड्राइवर/अटेंडेंट
- पशुपालकों के हित में बड़ा कदम
विशेषज्ञों और पशुपालकों का मानना है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार की यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली है। समय पर इलाज मिलने से पशुधन की मृत्यु दर में कमी आएगी और पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से भी बचाया जा सकेगा।

निश्चित रूप से 1962 पशु एंबुलेंस सेवा मध्यप्रदेश में पशुपालन को नई मजबूती दे रही है और मोहन सरकार की यह पहल जमीनी स्तर पर लोगों का भरोसा जीत रही है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार ने 2023 में पशु चिकित्सा एम्बुलेंस सेवा (टोल-फ्री 1962) की शुरुआत की थी, तब राज्यभर में कुल 406 वेटनरी/पशु एंबुलेंस को अलग-अलग विकासखंडों और नगर क्षेत्र के लिए जारी किया था। इन एम्बुलेंस में एक पशु चिकित्सक, एक पैरा-वेट और आवश्यक उपकरण होते हैं, जो कॉल पर बीमार या घायल पशु के पास पहुंचकर उपचार प्रदान करते हैं। चिकित्सक रजक ठाकुर ने बताया कि नर्मदापुरम जिले में 8 एंबुरेंस है, सिवनी मालवा ब्लॉक में 1 एंबुलेंस तैनात है। जो किसानों के शिकायत पर त्वरित सेवा प्रदान कर रही है।





