BMHRC: भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में 18 एवं 19 दिसंबर 2025 को सोसायटी ऑफ़ रेडिएशन रिसर्च (एसआरआर) के तत्वावधान में चौथा इंटरनेशनल स्कूल ऑन रेडिएशन रिसर्च (ISRR-2025) आयोजित किया जा रहा है। यह दो-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन बायोडोसिमीट्री, रेडियोप्रोटेक्शन एवं रेडियोथेरेपी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित है। सम्मेलन का उद्घाटन 18 दिसंबर को मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल महामहिम मंगुभाई पटेल ने किया।
BMHRC: रेडिएशन विज्ञान में नए आयामों पर वैश्विक मंथन शुरू
BMHRC: उद्घाटन अवसर पर माननीय राज्यपाल ने सम्मेलन के लिए प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया तथा बीएमएचआरसी के वॉल एवं टेबल कैलेंडर का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव, सोसायटी ऑफ़ रेडिएशन रिसर्च, मुंबई के संस्थापक अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के. पी. मिश्रा तथा भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC), मुंबई के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. अमित कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। डॉ. के. पी. मिश्रा और डॉ. अमित कुमार ने विकिरण विज्ञान और रेडियोलॉजी के क्षेत्र में मानव स्वास्थ्य से जुड़े नवीनतम विकास, संभावनाओं और चुनौतियों पर अपने विशेषज्ञ विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में देश-विदेश से आए वैज्ञानिक, चिकित्सक, शोधार्थी, विद्यार्थी तथा बीएमएचआरसी के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग यादव भी उपस्थित थे।

चिकित्सक मानवता के सच्चे सेवक होते हैं और रोगियों के लिए भगवान के समान: राज्यपाल
BMHRC: उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए माननीय राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि चिकित्सक मानवता के सच्चे सेवक होते हैं और रोगियों के लिए भगवान के समान होते हैं। उन्होंने कहा कि उपचार के दौरान चिकित्सक का मरीजों के प्रति व्यवहार अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। चिकित्सक की आत्मीयता, सरलता और सहजता मरीज के मनोविज्ञान तथा उपचार प्रक्रिया को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। इसलिए चिकित्सकों को चाहिए कि वे मरीजों की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनें और संवेदनशीलता के साथ समाधान प्रदान करें।
BMHRC: राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि यह आयोजन केवल वैज्ञानिक विमर्श का मंच नहीं है, बल्कि मानवता के भविष्य को अधिक सुरक्षित, स्वस्थ और आशावान बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के दौरान होने वाला विचार-विमर्श, वैज्ञानिक चर्चाएँ, शोध पत्र और अनुसंधानात्मक प्रस्तुतियाँ चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग की नई संभावनाओं के द्वार खोलेंगी। इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवता की सेवा के लिए वैज्ञानिक सहयोग, ज्ञान-साझेदारी और दीर्घकालिक अनुसंधान साझेदारी को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि रेडिएशन के जैविक प्रभावों की पहचान, बायोमार्कर्स के वैज्ञानिक उपयोग तथा रेडियोथेरेपी की उन्नत तकनीकों पर होने वाली चर्चा चिकित्सा विज्ञान को और अधिक सटीक, सुरक्षित एवं सुलभ बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने कहा कि चौथे इंटरनेशनल स्कूल ऑन रेडिएशन रिसर्च (ISRR-2025) जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी करना बीएमएचआरसी के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। इस महत्वपूर्ण आयोजन का उद्घाटन माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा किया जाना संस्थान के लिए विशेष सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि ISRR-2025 वैज्ञानिक विचारों के आदान-प्रदान, युवा शोधकर्ताओं के मार्गदर्शन तथा वैश्विक सहयोग को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि यह सम्मेलन रेडिएशन विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशा, नई ऊर्जा और भविष्य के सहयोगों को जन्म देगा।





