बिहार: विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे मुकेश सहनी और उनकी पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के लिए बेहद निराशाजनक साबित हुए। महागठबंधन की ओर से डिप्टी मुख्यमंत्री पद का दावा करने वाले सहनी खुद भी नहीं सोच पाए थे कि उनकी पार्टी का खाता तक नहीं खुलेगा।
चुनाव परिणामों के ताज़ा रुझानों में एनडीए 200 से अधिक सीटों पर आगे है, जबकि महागठबंधन 36 सीटों पर सिमटता दिख रहा है। अन्य को 6 सीटों पर बढ़त मिली है। ऐसे माहौल में VIP का पूरे चुनाव में प्रदर्शन शून्य पर आकर ठहर गया।
VIP का हुआ सफाया, खाता भी न खुला
मुकेश सहनी, जिन्होंने चुनाव से पहले डिप्टी सीएम की कुर्सी पाने का दावा ठोका था, उनके लिए यह नतीजे कड़े झटके की तरह हैं। खबर लिखे जाने तक VIP को एक भी सीट पर बढ़त नहीं मिली। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में यह तंज खूब सुनाई दिया— “न खुदा मिला, न विसाल-ए- सनम”— यानी न सपना पूरा हुआ, न उम्मीदें बचीं।
2020 में बेहतर प्रदर्शन, इस बार पूरी तरह साफ
सहनी ने 2018 में VIP की स्थापना की थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 4 सीटें जीतकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी— बोचाहा, गौरा बौराम, अलिनगर और साहेबगंज। हालांकि बाद में साहेबगंज के विधायक ने बीजेपी जॉइन कर ली थी।
एनडीए सरकार में सहनी को मछलीपालन मंत्री का पद भी मिला, लेकिन 2022 में सरकार बदलने के साथ ही उनका मंत्रालय भी छिन गया। इसके बाद वे महागठबंधन में शामिल हुए और तेजस्वी यादव को “छोटा भाई” बताते हुए डिप्टी सीएम पद की मजबूत दावेदारी करने लगे।
नतीजे आए तो टूट गया सपना
चुनाव परिणामों ने VIP के सभी दावों और उम्मीदों पर ब्रेक लगा दिया। पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी, जिससे सहनी की सियासी जमीन कमजोर पड़ती दिख रही है। 2025 के चुनाव VIP और सहनी दोनों के लिए सियासी परीक्षा थे, और नतीजों ने साफ कर दिया कि यह परीक्षा बेहद भारी पड़ गई।





