Mohit Jain
मानसून की आधिकारिक विदाई हो चुकी है, लेकिन मध्यप्रदेश में अगले चार दिन तक बारिश, आंधी और गरज-चमक के आसार हैं। मौसम विभाग ने उत्तरी और पूर्वी जिलों में 29 और 30 अक्टूबर को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। दो मौसमी सिस्टम एक साथ सक्रिय होने के कारण प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम बदलता रहेगा।
दो सिस्टम का प्रभाव

अरब सागर में बने डिप्रेशन और उससे जुड़ी ट्रफ प्रदेश के बीचोंबीच तक पहुंच रही है। इसके अलावा, एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी अरब सागर में सक्रिय है, जो धीरे-धीरे मध्यप्रदेश की ओर बढ़ रहा है। इस कारण अगले चार दिन तक प्रदेश के जिलों में आंधी और बारिश होने की संभावना बनी हुई है। सोमवार को भी श्योपुर में लगातार दूसरे दिन 2.2 इंच बारिश दर्ज की गई, जबकि ग्वालियर-उज्जैन सहित 13 जिलों में भी वर्षा हुई। दतिया में करीब 1 इंच, टीकमगढ़ में आधा इंच और ग्वालियर-रतलाम में भी आधा इंच से अधिक बारिश हुई। इसके अलावा गुना, उज्जैन, छतरपुर (खजुराहो), रीवा, मुरैना, विदिशा और मंदसौर में भी बूंदाबांदी हुई।
आगामी दिनों की चेतावनी
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अगले 24 घंटे के दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में यलो अलर्ट रहेगा। 29 अक्टूबर को उत्तरी और पूर्वी जिलों में तेज बारिश की संभावना है, जबकि 30 अक्टूबर को पूर्वी जिलों में बारिश जारी रहने की चेतावनी दी गई है।

तवा डैम में गेट खोले गए
बारिश के बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए तवा डैम के तीन गेट सोमवार सुबह 11 बजे से 3-3 फीट ऊंचाई तक खोले गए। इससे बांध से कुल 16,070 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वर्तमान जलस्तर 1166.30 फीट दर्ज किया गया है। मानसूनी सीजन में तवा डैम के गेट कुल 78 बार खुले थे, अब यह 79वीं बार है। अधिकारियों ने कहा कि बारिश की स्थिति के अनुसार गेट खोलने की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
मौसम विभाग ने लोगों से सुरक्षा और सतर्कता बरतने की अपील की है। विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिम विक्षोभ सक्रिय रहने के कारण 6 नवंबर के बाद ठंड का असर बढ़ सकता है।





