BY: Yoganand Shrivastva
महाराष्ट्र : लातूर ज़िले के औसा शहर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां कुछ लोगों ने चंद पैसों की खातिर एक ज़िंदा नाग के विषदंत (फैंग्स) तोड़ डाले। इस क्रूर हरकत के बाद सांप की हालत गंभीर हो गई। फिलहाल उसका इलाज सर्पमित्र और डॉक्टर की टीम की देखरेख में किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
औसा में दिवाली के मौके पर कुछ लोग दांत निकाले हुए नाग को लेकर भीख मांगते हुए घूम रहे थे। इसी दौरान सर्पमित्रों और वन विभाग की टीम ने छापा मारकर सांप को उनके कब्जे से मुक्त कराया। जांच में पता चला कि नाग के दोनों विषदंत पूरी तरह से तोड़ दिए गए थे।
सर्पमित्र और डॉक्टर की टीम कर रही देखभाल
वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में नाग को सुरक्षित बरामद कर इलाज के लिए लातूर लाया गया। वहां सर्पमित्र भीमाशंकर गाढवे और डॉक्टर नेताजी शिंगटे की देखरेख में उसका उपचार जारी है।डॉक्टरों के अनुसार, सांप के प्राकृतिक दांत फिर से उगने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और शुरुआती सुधार के संकेत मिल रहे हैं। बताया गया कि उसके नए दांत करीब दो मिलीमीटर तक विकसित हो चुके हैं।
वन विभाग ने की सख्त कार्रवाई
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत नाग या किसी भी विषधर प्रजाति के साथ इस तरह की क्रूरता करना गंभीर अपराध है। वन विभाग ने मामले में शामिल आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
सर्पमित्रों ने कहा कि “सांप के दांत तोड़ना केवल अमानवीय ही नहीं बल्कि कानूनी अपराध भी है। ऐसा करने से सांप का जीवन खतरे में पड़ जाता है और पारिस्थितिक संतुलन भी बिगड़ता है।”इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कुछ रुपए के लिए हम अपनी इंसानियत खो रहे हैं?





