BY: Vijay Nandan
नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए नए आयात शुल्क (टैरिफ) ने वैश्विक बाजारों में भारी उथल-पुथल मचा दी है। इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी पड़ा, जहां सोमवार सुबह की ट्रेडिंग शुरू होते ही सेंसेक्स में करीब 4,000 अंकों की गिरावट देखी गई। इसी के साथ निवेशकों को महज कुछ ही सेकेंड में 20 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान झेलना पड़ा।
सेंसेक्स और निफ्टी में ऐतिहासिक गिरावट
सप्ताह की शुरुआत के साथ ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 3,939.68 अंक लुढ़क कर 71,425.01 पर पहुंच गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी इंडेक्स भी 1,160.8 अंक की गिरावट के साथ 21,743.65 पर आ गया। बाजार खुलते ही बिकवाली का दबाव इतना अधिक था कि कुछ ही पलों में निवेशकों की पूंजी से 20 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए।

एशियाई बाजारों में भी हड़कंप
इस गिरावट का असर केवल भारत तक सीमित नहीं रहा। एशियाई शेयर बाजारों में भी भारी बिकवाली देखने को मिली। अमेरिका के फ्यूचर्स मार्केट में भी तेज गिरावट दर्ज की गई है, जिससे संकेत मिलते हैं कि वॉल स्ट्रीट भी जब खुलेगा, तो वहां भी बड़ा नुकसान हो सकता है।
भारत पर 26% टैरिफ, सभी देशों पर 10% बेस ड्यूटी
ट्रंप प्रशासन ने इन टैरिफ्स को अमेरिकी उद्योगों के लिए ‘स्वर्ण युग की शुरुआत’ बताया है। यह शुल्क विशेष रूप से कुछ देशों के लिए लागू किए गए हैं, जिनमें भारत पर 26% का भारी टैक्स लगाया गया है। इसके अलावा सभी देशों पर 10% की आधारिक शुल्क दर (बेसलाइन ड्यूटी) भी लागू की गई है। इससे भारत के निर्यातकों और व्यापारियों में गहरी चिंता फैल गई है।
ट्रंप बोले – ‘कड़वी दवा जरूरी है’
ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में इन शुल्कों को वैश्विक अर्थव्यवस्था की ‘बीमारी का इलाज’ करार दिया। उन्होंने कहा कि “कभी-कभी चीजों को ठीक करने के लिए कड़वी दवा जरूरी होती है,” और साफ संकेत दिए कि बाजार की इस प्रतिक्रिया से वह विचलित नहीं हैं।
रुपया भी दबाव में
ट्रेडिंग की शुरुआत में ही भारतीय रुपया भी कमजोर होकर खुला, जो विदेशी निवेशकों की घबराहट और बाजार की नकारात्मक धारणा को दर्शाता है।
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