BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली, देश की राजधानी दिल्ली में रहने वालों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। आने वाले महीनों में दिल्ली की जर्जर और खस्ताहाल सड़कों की तस्वीर बदलने वाली है। राजधानी की कुल 415 किलोमीटर लंबी टूटी-फूटी सड़कों का दोबारा निर्माण किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली सरकार ने 950 करोड़ रुपये का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा है, जिससे दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और नागरिकों को राहत देने का प्रयास किया जाएगा।
क्या है पूरी योजना?
दिल्ली सरकार ने राजधानी में सड़क सुधार को लेकर एक वृहद योजना तैयार की है, जिसे केंद्रीय सड़क निधि (CRF) के तहत केंद्र सरकार को भेजा गया है। इस योजना के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- 415 किलोमीटर लंबी सड़कों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
- योजना की कुल लागत ₹950 करोड़ रुपये आंकी गई है।
- काम ई-निविदा प्रणाली (e-tendering) से पारदर्शी तरीके से कराया जाएगा।
- लक्ष्य है कि यह काम वर्ष 2026 तक पूर्ण हो जाए।
- सड़क निर्माण के साथ-साथ फुटपाथ और नालों का विकास भी इस योजना में शामिल है।
इन प्रमुख सड़कों को मिलेगा नया जीवन
इस योजना के अंतर्गत दिल्ली की कुछ प्रमुख सड़कों को शामिल किया गया है, जिनमें निम्न नाम प्रमुख हैं:
- आउटर रिंग रोड
- मथुरा रोड
- नजफगढ़ रोड
- विकास मार्ग
ये वो सड़कें हैं जो रोजाना हजारों वाहनों के भार को झेलती हैं और वर्षों से मरम्मत की मांग कर रही थीं।
अब तक कितना काम हुआ है?
- अब तक 150 किलोमीटर सड़कों का सुधार कार्य किया जा चुका है।
- करीब 100 किलोमीटर पर काम जारी है।
- आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 500 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत का लक्ष्य रखा गया है।
नागरिक भी दर्ज करा सकेंगे शिकायतें
सरकार की मंशा है कि नागरिक भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बनें और यदि कहीं सड़क संबंधी समस्याएं हैं, तो वे अपनी शिकायतें PWD की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए दर्ज करा सकें।
सिर्फ सड़कें ही नहीं, यमुना भी सरकार के एजेंडे में
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में यमुना नदी की सफाई और पुनर्जीवन को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि—
“यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हमने पूर्ववर्ती सरकारों की लापरवाही के कारण जो नुकसान हुआ, उसे ठीक करने का संकल्प लिया है।”
मुख्यमंत्री ने यमुना में गिरने वाले गंदे नालों की सफाई, कूड़े के पहाड़ हटाने और डेयरी कॉलोनियों में गोबर से फैल रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विशेष योजना की भी घोषणा की।