बुधवार रात भोपाल में तेज आंधी और बारिश ने कहर बरपाया। सबसे बड़ा असर राजधानी के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की पुरानी बिल्डिंग पर देखने को मिला, जहां तेज हवाओं के कारण दो छज्जे भरभराकर नीचे गिर गए।
हादसा रात 9 बजे के करीब हुआ
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा रात करीब 9 बजे हुआ, जब अचानक तेज हवाएं चलीं और स्टेशन की पुरानी संरचना इसका शिकार हो गई। छज्जों के गिरने से मलबा पूरे परिसर में फैल गया, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
नुकसान का पूरा विवरण
इस अप्रत्याशित घटना के दौरान कई स्थानों पर क्षति हुई। नीचे प्रमुख बिंदुओं में इसे समझें:
- दो छज्जे गिरे: पुरानी बिल्डिंग के ऊपर बने दो छज्जे तेज हवा की वजह से गिर गए।
- रेस्टोरेंट को नुकसान: बिल्डिंग के बाहर स्थित एक रेस्टोरेंट को भी इस हादसे से नुकसान पहुंचा।
- कांच और बोर्ड टूटे: प्लेटफार्म नंबर-5 की ओर लगे विज्ञापन बोर्ड और स्टेशन की खिड़कियों के कांच भी चकनाचूर हो गए।
- कोई घायल नहीं: राहत की बात यह रही कि इस घटना में कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ।
राहत और बचाव कार्य
हादसे के बाद रेलवे प्रबंधन और बंसल ग्रुप की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम जारी है। अधिकारियों ने बताया कि:
- स्थिति अब नियंत्रण में है।
- यात्रियों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
- कुछ समय के लिए स्टेशन पर अफरा-तफरी रही, लेकिन जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल कर दी गई।
यात्रियों के लिए जरूरी अलर्ट
हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन यात्रियों से अपील की गई है कि वे स्टेशन परिसर में सावधानी बरतें। मलबा हटाने और मरम्मत का कार्य पूरा होने तक कुछ क्षेत्रों में आवागमन सीमित किया जा सकता है।
रानी कमलापति स्टेशन पर हुई यह घटना दिखाती है कि पुरानी संरचनाओं की सुरक्षा जांच और मरम्मत कितनी जरूरी है, खासकर मौसम में अचानक आए बदलावों के दौरान। इस हादसे ने भले ही जान-माल का बड़ा नुकसान नहीं किया, लेकिन भविष्य की तैयारियों के लिए एक चेतावनी जरूर है।





