खेल का असली खिलाड़ी कौन? दुबई की पिच का अनदेखा सच

- Advertisement -
Ad imageAd image

अनदेखे मैदानकर्मी: दुबई स्टेडियम के ग्राउंड स्टाफ की अनसुनी कहानी

दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की चमचमाती रोशनी और भव्य संरचना क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी सपने से कम नहीं है। यहाँ होने वाले बड़े मैच, जैसे कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत-पाकिस्तान का बहुप्रतीक्षित मुकाबला, दुनिया भर के दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। लेकिन इस शानदार मंच के पीछे कुछ अनदेखे नायक काम करते हैं, जिनकी मेहनत के बिना यह सब संभव नहीं हो सकता—ये हैं दुबई स्टेडियम के ग्राउंड स्टाफ। ये वो लोग हैं जो पिच को तैयार करते हैं, मौसम की चुनौतियों से जूझते हैं और गेंदबाजों व बल्लेबाजों के बीच संतुलन बनाकर खेल को रोमांचक बनाते हैं। आइए, उनकी कहानी को करीब से जानें।

पिच: खेल का असली आधार

क्रिकेट में पिच किसी भी मैच का दिल होती है। यह 22 गज की पट्टी तय करती है कि खेल का रुख क्या होगा—क्या बल्लेबाज बड़े शॉट्स लगाकर दर्शकों का मनोरंजन करेंगे या गेंदबाज अपनी फिरकी और रफ्तार से बल्लेबाजों को परेशान करेंगे। दुबई में, जहाँ मौसम गर्म और शुष्क रहता है, पिच तैयार करना अपने आप में एक कला है। यहाँ के ग्राउंड स्टाफ, जिनमें क्यूरेटर, माली, और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं, महीनों पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं ताकि बड़े मैचों के लिए पिच बिल्कुल सही हो।

मुख्य पिच क्यूरेटर मैथ्यू सैंडर्स, जो दुबई स्टेडियम के ग्राउंड स्टाफ का नेतृत्व करते हैं, ने हाल ही में बताया कि चैंपियंस ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट के लिए पिच को तैयार करने में कितना समय और मेहनत लगती है। ILT20 लीग के फाइनल के बाद, जो 9 फरवरी 2025 को समाप्त हुआ, पिच को आराम देने के लिए करीब दो सप्ताह का समय दिया गया। इस दौरान मिट्टी को हवादार बनाया जाता है, नमी का स्तर नियंत्रित किया जाता है और सतह को इस तरह तैयार किया जाता है कि वह वनडे क्रिकेट के लिए उपयुक्त हो। उनका लक्ष्य होता है कि पिच न तो बहुत धीमी हो और न ही बहुत तेज, बल्कि दोनों पक्षों को बराबर मौका दे।

मौसम और ओस की चुनौती

दुबई का मौसम ग्राउंड स्टाफ के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। दिन में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है, जिससे पिच सूख जाती है और उसमें दरारें पड़ने का खतरा रहता है। वहीं, रात में ओस पड़ती है, जो गेंदबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। ओस के कारण गेंद गीली हो जाती है, जिससे स्पिनरों को ग्रिप बनाने में दिक्कत होती है और तेज गेंदबाजों का स्विंग कम हो जाता है। इसीलिए ग्राउंड स्टाफ को मौसम के हिसाब से पिच की नमी को संतुलित करना पड़ता है। वे विशेष मशीनों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे रोलर्स और ड्रायर्स, ताकि पिच की सतह एकसमान रहे।

चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में, जहाँ भारत अपने सभी मैच दुबई में खेलेगा, ग्राउंड स्टाफ की यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। भारत बनाम पाकिस्तान जैसे हाई-वोल्टेज मुकाबले में दर्शक रोमांच की उम्मीद करते हैं, और यह रोमांच तभी संभव है जब पिच पर गेंद और बल्ले के बीच कांटे की टक्कर हो। ग्राउंड स्टाफ इस संतुलन को बनाए रखने के लिए दिन-रात मेहनत करता है।

एक दिनचर्या जो अनदेखी रहती है

ग्राउंड स्टाफ का काम सुबह जल्दी शुरू होता है। सूरज उगने से पहले वे मैदान पर पहुँच जाते हैं। सबसे पहले पिच की सतह की जाँच की जाती है—क्या उसमें कोई नमी बाकी है? क्या मिट्टी सही ढंग से जमी है? फिर घास को काटा जाता है, लेकिन इसे बहुत छोटा नहीं किया जाता, क्योंकि थोड़ी घास गेंदबाजों को उछाल और गति देती है। इसके बाद रोलर चलाया जाता है, जो पिच को मजबूत बनाता है ताकि बल्लेबाजों को भी खेलने का मौका मिले। यह प्रक्रिया कई घंटों तक चलती है, और हर कदम पर बारीकी से ध्यान देना पड़ता है।

एक ग्राउंड्समैन ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हमारा काम ऐसा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो कोई हमें याद नहीं करता, लेकिन अगर पिच में जरा भी गड़बड़ हुई तो सारी दुनिया हमारी आलोचना करने लगती है।” यह बात सच है—जब बल्लेबाज शतक बनाते हैं या गेंदबाज पांच विकेट लेते हैं, तो दर्शक खिलाड़ियों की तारीफ करते हैं, लेकिन इसके पीछे की मेहनत को शायद ही कोई देखता हो।

संतुलन का खेल

दुबई की पिच को लेकर हमेशा चर्चा रहती है कि यह किसके पक्ष में होगी—बल्लेबाजों के या गेंदबाजों के। वास्तव में, ग्राउंड स्टाफ का लक्ष्य एक ऐसी पिच तैयार करना होता है जो दोनों को बराबर मौका दे। उदाहरण के लिए, चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत ने अपनी टीम में पाँच स्पिनरों को शामिल किया है। अगर पिच धीमी हुई तो यह भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि स्पिनर बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं। लेकिन अगर पिच में गति और उछाल रहा, तो तेज गेंदबाज भी खेल में बने रहेंगे। ग्राउंड स्टाफ इस संतुलन को बनाए रखने के लिए मिट्टी की परतों, घास की मात्रा और नमी के स्तर पर काम करता है।

मैथ्यू सैंडर्स कहते हैं, “हम चाहते हैं कि पिच ऐसी हो जो पहले दिन बल्लेबाजों को मदद दे, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़े, गेंदबाजों को भी मौका मिले।” यह संतुलन बनाना आसान नहीं है, खासकर तब जब मौसम हर दिन बदलता हो। फिर भी, उनकी कोशिश रहती है कि हर टीम को अपनी रणनीति आजमाने का पूरा अवसर मिले।

अनदेखे नायकों का योगदान

दुबई स्टेडियम के ग्राउंड स्टाफ में कई लोग शामिल हैं—क्यूरेटर, जो पिच की योजना बनाते हैं; माली, जो घास और मिट्टी की देखभाल करते हैं; और मजदूर, जो भारी मशीनों को चलाते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग स्थानीय नहीं हैं। वे भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों से आते हैं, जहाँ क्रिकेट एक जुनून है। शायद यही वजह है कि वे अपनी नौकरी को सिर्फ काम नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी मानते हैं।

जब 23 फरवरी 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होगा, तो दर्शकों की नजरें रोहित शर्मा, बाबर आजम और उनके खिलाड़ियों पर होंगी। स्टेडियम में हर शॉट और हर विकेट पर तालियाँ गूंजेंगी। लेकिन उस चमचमाती पिच के पीछे की मेहनत को शायद ही कोई देखे। ये ग्राउंड स्टाफ ही हैं जो सुनिश्चित करते हैं कि खेल का हर पल यादगार बने।

दुबई स्टेडियम के ग्राउंड स्टाफ की कहानी मेहनत, लगन और अनदेखे समर्पण की कहानी है। वे न तो सुर्खियों में आते हैं और न ही तालियाँ बटोरते हैं, लेकिन उनका योगदान क्रिकेट के हर बड़े मैच को खास बनाता है। अगली बार जब आप दुबई में कोई रोमांचक मुकाबला देखें, तो एक पल के लिए उन अनदेखे मैदानकर्मियों को भी याद कर लें, जो पर्दे के पीछे से खेल को संभव बनाते हैं। उनकी मेहनत के बिना यह मंच अधूरा है।

आस्था का क्रिकेट कनेक्शन…यह भी पढ़े

Leave a comment
- Advertisement -
Ad imageAd image

मरौदा डैम में पिकनिक बना हादसा: नहाने गए दो दोस्तों की दर्दनाक मौत

भिलाई के पास स्थित मरौदा डैम में पिकनिक मनाने गए चार दोस्तों

मुंगेली: 164 अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण

रिपोर्टर: सुधेश पांडेय पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हुई काउंसलिंग छत्तीसगढ़ शासन के

मरौदा डैम में पिकनिक बना हादसा: नहाने गए दो दोस्तों की दर्दनाक मौत

भिलाई के पास स्थित मरौदा डैम में पिकनिक मनाने गए चार दोस्तों

मुंगेली: 164 अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण

रिपोर्टर: सुधेश पांडेय पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हुई काउंसलिंग छत्तीसगढ़ शासन के

राजा भभूत सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के समय तात्या टोपे की मदद की

राजा भभूत सिंह ने सतपुड़ा की वादियों में आजादी की मशाल जलाईभोपाल।

सरकार का “चाउर तिहार”: दंतेवाड़ा में तीन माह का चावल एक साथ वितरित

लोकेशन: दंतेवाड़ारिपोर्टर: आज़ाद सक्सेना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेशभर में 2 जून से

रायपुर ब्रेकिंग: VIP रोड के ओमाया LOD क्लब में बाउंसरों की गुंडागर्दी

युवक के साथ लाठी-डंडों से मारपीट रायपुर | राजधानी रायपुर के VIP

नरहरपुर: बजरंग दल के शौर्य प्रशिक्षण से लौटे युवाओं का भव्य स्वागत

रिपोर्टर: चन्द्रभान साहू ग्राम जामगांव में निकाली गई स्वागत रैली नरहरपुर |विकासखंड

बेमेतरा: साजा विधानसभा के बरगड़ा में पहुंचे कृषि मंत्री राम विचार नेताम

रिपोर्टर: संजू जैन "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के तहत किसानों से किया

मनेंद्रगढ़: डीएमएफ बैठक में विकास कार्यों पर बनी सहमति

संवाददाता: अविनाश चंद्र जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने मिलाया कदम एमसीबी जिला मुख्यालय

अंबिकापुर: युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग से पहले शिक्षकों का विरोध

प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर जताया असंतोष सरगुजा जिले में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया

धमतरी: छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन ने की शराबबंदी की मांग

कहा – नहीं मानी मांग तो चलाएंगे 'स्टीयरिंग छोड़' अभियान प्रदेश में

कोरबा: विकास के दावों की पोल खोलते पहाड़ी कोरवा जनजाति के हालात

आज भी वंचित हैं मूलभूत सुविधाओं से ऊर्जाधानी कोरबा, जहां से छत्तीसगढ़

ब्रेकिंग रायपुर: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पहुंचे रायपुर

छत्तीसगढ़ में पार्टी विस्तार की दी जानकारी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के

दुमका, बोकारो, पलामू समेत कई जिलों के IG, SSP और SP ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात

रिपोर्ट: राजू सिंह आज मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से कांके रोड, रांची

रायगढ़: एडू पुल के नीचे बिजली विभाग के कर्मचारी की लाश मिलने से सनसनी

जिले में एक बार फिर सनसनीखेज घटना सामने आई है। एडू पुल

मरवाही में हाथियों का कहर: चिचगोहना गांव में दहशत का माहौल

मरवाही वन मंडल में हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है।

“संविधान निर्माण: एक सामूहिक प्रयास” – रक्षक मोर्चा का जनजागरण अभियान जारी

BY: Yoganand Shrivastva ग्वालियर, सामाजिक न्याय मंच के तत्वावधान में रक्षक मोर्चा

UP के भदोही में सनसनी: 70 साल के बुज़ुर्ग ने बेटे को मारी गोली, मौके पर गिरफ्तार

BY: Yoganand shrivastva भदोही, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के भदोही ज़िले के

सोरोस: ग्लोबल पावर गेम का गुप्त किंगमेकर?

1. वित्तीय संकटों के मास्टरमाइंड? उदाहरण:1992 में ब्रिटेन के “ब्लैक वेडनेसडे” पर

realme C73 5G लॉन्च: बजट में दमदार 5G स्मार्टफोन, 6000mAh बैटरी और 120Hz डिस्प्ले

रियलमी ने भारतीय स्मार्टफोन बाजार में अपना नया बजट 5G फोन realme

बांग्लादेश करेंसी में बदलाव: शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटी, अब दिखेंगे हिंदू-बौद्ध मंदिर

बांग्लादेश सरकार ने करेंसी नोटों में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए देश के

अजय देवगन की ‘रेड 2’ और ‘भूल चूक माफ’ की कमाई में उछाल

बॉलीवुड की दुनिया में इस हफ्ते कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको चौंका

ग्लेन मैक्सवेल ने लिया वनडे से रिटायरमेंट, अब सिर्फ T20 में दिखेंगे एक्शन में

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्लेन मैक्सवेल ने वनडे इंटरनेशनल (ODI) क्रिकेट से अचानक संन्यास

बीसीसीआई की कमान संभालेंगे राजीव शुक्ला, रोजर बिन्नी की जगह बनेंगे अंतरिम अध्यक्ष

BY: Yoganand Shrivastva नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष

बेंगलुरु में महिला ने ऑटो चालक को चप्पल से पीटा, बाद में मांगनी पड़ी माफ़ी, जानें पूरी कहानी

BY: Yoganand Shrivastva बेंगलुरु (कर्नाटक): राज्य की राजधानी बेंगलुरु में भाषा को