लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अमेरिका दौरे पर हैं। जहां वो अलग-अलग जगहों पर भारतीय समुदाय के लोगों से मिल रहे हैं। उन्हें संबोधित भी कर रहे हैं। अपने भाषण में राहुल बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोल रहे हैं। वाशिंगटन डीसी में दिए गए अपने बयान को लेकर राहुल काफी चर्चा में हैं। वहां उन्होंने केंद्र की मौजूदा बीजेपी सरकार और संघ पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों भारतीय संविधान को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। अब इस पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और मौजूदा केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है और दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी से सीख लेने की बात कही है।
शिवराज सिंह चौहान का राहुल गांधी पर हमला
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “राहुल जी नेता प्रतिपक्ष हैं, नेता प्रतिपक्ष का पद जिम्मेदारी का पद है। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं जब अटल बिहारी जी नेता प्रतिपक्ष थे तब कई मामलों में भारत का प्रतिनिधित्व अटल जी करते थे। देश के बाहर कभी भी विपक्ष के नेताओं ने देश की छवि खराब करने की कोशिश नहीं की… वे(राहुल गांधी) विरोध करते करते देश का ही विरोध करने लगे हैं, देश बाहर कांग्रेस और भाजपा नहीं होती, देश के बाहर भारत होता। लगातार राहुल गांधी देश की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और देश की छवि खराब करना देशद्रोह के अंतर्गत ही आता है…”
राहुल ने क्या कहा?
अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन, डी.सी. में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “चुनावों से पहले, हम इस विचार पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया गया है… आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली पर कब्ज़ा कर लिया है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्ज़ा कर लिया है। हम यह कहते रहे लेकिन लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था… मैंने संविधान को आगे रखना शुरू किया और मैंने जो कुछ भी कहा था, वह अचानक से फूट पड़ा… गरीब भारत, उत्पीड़ित भारत, जिसने यह समझ लिया कि अगर संविधान खत्म हो गया तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा… गरीब लोगों ने गहराई से समझ लिया कि यह संविधान की रक्षा करने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच की लड़ाई है…
राहुल ने चुनाव आयोग को कटघरे में किया खड़ा
उन्होंने आगे कहा, जाति जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हो गया… ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं… मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब थी। उनके पास बहुत बड़ा वित्तीय लाभ था। उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे… चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे। पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम करें। जिन राज्यों में वे कमज़ोर थे, उन्हें उन राज्यों से अलग तरीके से डिज़ाइन किया गया था जहां वे मज़बूत थे। मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखता। मैं इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं।”