वक्फ संशोधन विधेयक में 14 बदलाव, विपक्ष के सभी 44 सुझाव संसदीय समिति से खारिज
JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि इस आखिरी बैठक में सभी 44 संशोधनों पर चर्चा की गई।
संविधान संशोधन विधेयक पर समिति की मंजूरी
संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी देने के लिए सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक हुई। इस बैठक में सत्तारूढ़ भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए संशोधनों को स्वीकृति दी गई, जबकि विपक्षी दलों द्वारा किए गए संशोधनों को खारिज कर दिया गया।

संयुक्त संसदीय समिति की चर्चा
इस विधेयक पर छह महीने तक विस्तृत चर्चा की गई। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि विधेयक के 44 प्रावधानों में विपक्षी सदस्यों ने संशोधन प्रस्तावित किए, लेकिन सिर्फ भाजपा और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया।
क्या है यह विधेयक?
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में पेश किया था। इसका उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम में सुधार करना है ताकि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सके।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी सांसदों ने इस प्रक्रिया को लोकतांत्रिक नहीं बताया और आरोप लगाया कि उन्हें सही तरीके से सुना नहीं गया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “यह पूरी प्रक्रिया हास्यास्पद थी और पाल ने तानाशाही का रवैया अपनाया।”
हालांकि, पाल ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत के आधार पर निर्णय लिया गया।
महत्वपूर्ण संशोधन
एक अहम संशोधन में यह तय किया गया कि अब वक्फ संपत्तियों को “वक्फ द्वारा उपयोग” के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकेगी। इसका मतलब है कि यदि संपत्तियां धार्मिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल हो रही हैं, तो उन्हें वक्फ संपत्ति के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
विपक्ष की आपत्तियाँ
विपक्षी दलों ने विधेयक में कुछ अन्य बदलावों पर भी आपत्ति जताई। विशेष रूप से, उन्होंने विधेयक के नाम में बदलाव करने को लेकर सवाल उठाए। नए नाम “एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995” (UMEED) को उन्होंने अनावश्यक बताया।
विपक्षी सांसदों का निलंबन
बैठक के दौरान विपक्षी सांसदों के बीच तनाव बढ़ा और 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। इन सांसदों ने आरोप लगाया कि पाल पक्षपाती हैं और प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है।
विधेयक का इतिहास
यह विधेयक लंबे समय से काम में था और इसके लिए सरकार ने विभिन्न समुदायों, कानूनी विशेषज्ञों और वक्फ संस्थाओं से परामर्श किया था। नए विधेयक के तहत, वक्फ बोर्ड अब यह तय नहीं करेगा कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं, बल्कि यह एक व्यापक प्रक्रिया के तहत होगा।
#WATCH | After the meeting of the JPC on Waqf (Amendment) Bill, 2024, its Chairman BJP MP Jagdambika Pal says, "…44 amendments were discussed. After detailed discussions over the course of 6 months, we sought amendments from all members. This was our final meeting… So, 14… pic.twitter.com/LEcFXr8ENP
— ANI (@ANI) January 27, 2025