अजमेर: वरिष्ठ अधिवक्ता पुरुषोत्तम जाखेटिया की उपचार के दौरान हुई मौत के बाद अजमेर सहित पुष्कर, नसीराबाद और ब्यावर में उग्र विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। वकीलों में भारी आक्रोश व्याप्त है, जिसके चलते जिला बार एसोसिएशन ने शनिवार, 8 मार्च को बंद का आह्वान किया। अजमेर और आसपास के क्षेत्रों में इस बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है।
हत्या के विरोध में वकीलों ने किया प्रदर्शन
अधिवक्ता पुरुषोत्तम जाखेटिया पर हाल ही में पुष्कर में डीजे बजाने के विरोध के दौरान जानलेवा हमला किया गया था। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उनका इलाज चल रहा था, लेकिन शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई। मौत की खबर फैलते ही वकीलों में गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अजमेर, पुष्कर, नसीराबाद और ब्यावर बंद की घोषणा कर दी।
शहर में बंद का असर
बंद के चलते अजमेर और आसपास के शहरों में अधिकांश दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। केवल मेडिकल स्टोर, स्कूल और पेट्रोल पंपों को इस बंद से छूट दी गई। कई जगह वकीलों और स्थानीय लोगों ने दुकानों को जबरन बंद कराने का प्रयास किया, जिससे कुछ स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं।
कोर्ट परिसर में हंगामा, पुलिस को बाहर निकाला
शुक्रवार को वकीलों ने अजमेर सेशन कोर्ट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और कामकाज ठप करवा दिया। इसके बाद उन्होंने पुलिसकर्मियों को कोर्ट परिसर से बाहर कर दिया। वकीलों ने सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल लागू करने, आरोपियों को कड़ी सजा देने और पीड़ित परिवार को मुआवजा एवं सरकारी नौकरी देने की मांग की।
आरोपियों की गिरफ्तारी और कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी शक्ति सिंह समेत कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा घटना के समय मौजूद मॉडिफाइड डीजे वाहन और मुख्य आरोपी की जीप को भी जब्त कर लिया गया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में:
- मुख्य आरोपी शक्ति सिंह (कंवलाई गांव)
- पप्पू सिंह रावत (कानस गांव)
- हेमराज मेघवाल (बड़ी होकरा)
- प्रदीप, राहुल (बड़ी होकरा)
- सोनू (छोटी होकरा)
- शंकर सिंह रावत, जीतू सिंह रावत (छोटी होकरा)
- दीपक रावत (बड़ी होकरा)
वकीलों की मांगें और अगली कार्रवाई
वकीलों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। वे अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाने और शराब के ठेकों को हटाने की मांग कर रहे हैं।
इस घटना ने पूरे अजमेर में आक्रोश फैला दिया है, और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन वकीलों की मांगों पर क्या कदम उठाता है।
झारखंड में बड़ा अपराध: एनटीपीसी डीजीएम की हत्या, पुलिस ने शुरू की तलाश..यह भी पढ़े