रिपोर्टर: ताराचंद पटेल
महासमुंद: महासमुंद जिले के पिथौरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम गोड़बाहल की वन प्रबंधन समिति में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और विभागीय उपेक्षा के चलते आज सैकड़ों ग्रामीणों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। ग्रामीणों ने समिति को औपचारिक रूप से भंग करते हुए उसके दस्तावेज, कार्यवाही रजिस्टर और सील वन विभाग को सौंप दिए।
समिति पदाधिकारियों का कहना है कि वे महीनों से विभिन्न भुगतानों को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से गुहार लगा रहे थे, लेकिन उन्हें हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। लंबित भुगतानों में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- चौकीदारों का वेतन: ₹36,000
- ऋण राशि: ₹4,00,000
- आंवला पौधों की खरीदी: ₹12,750
- नेपियर घास रोपण हेतु जुताई: ₹12,000
- चौकीदार शेड निर्माण सामग्री: ₹39,608
- मजदूरी: ₹27,400
इन सभी लंबित भुगतानों को लेकर समिति के अध्यक्ष जयराम वर्मा और सरपंच प्रतिनिधि 6 अगस्त को वन परिक्षेत्र कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन वहां सहायक परिक्षेत्र अधिकारी सालिक राम डड़सेना ने कथित रूप से उनके साथ दुर्व्यवहार किया और आवेदन लेने से इनकार कर दिया।
इस अपमानजनक व्यवहार से आक्रोशित ग्रामीणों ने आज, 7 अगस्त को वन परिक्षेत्र कार्यालय पहुंचकर सहायक ग्रेड-3 बीरेंद्र चौहान को समिति की सील और सभी दस्तावेज सौंप दिए। इस दौरान वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कार्यालय में अनुपस्थित रहे, जिससे ग्रामीणों में और अधिक असंतोष फैला।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनके भुगतान नहीं किए गए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। यह घटनाक्रम वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।