हिंदी सिनेमा की दिग्गज और सबसे उम्रदराज अभिनेत्रियों में शुमार कामिनी कौशल का 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से फिल्म उद्योग में शोक की लहर है। कामिनी कौशल ने अपने लंबे अभिनय सफर में दिलीप कुमार, धर्मेंद्र, राज कपूर और देव आनंद जैसे सुपरस्टार्स के साथ काम किया था। उनके परिवार ने निजी कारणों से ज्यादा जानकारी साझा नहीं की है।
अभिनेत्री का सफर और पहचान
24 फरवरी 1927 को लाहौर में जन्मी कामिनी कौशल (जन्म नाम उमा कश्यप) भारतीय फिल्मों के स्वर्णिम दौर की प्रमुख अभिनेत्रियों में से एक थीं। 1946 से लेकर 1963 तक उन्होंने मुख्य नायिका के रूप में कई उल्लेखनीय फिल्में कीं। सहज और प्राकृतिक अभिनय शैली के कारण वे शीघ्र ही दर्शकों की पसंदीदा बन गईं।
पहली फिल्म ने दिलाई अंतरराष्ट्रीय पहचान
कामिनी कौशल ने चेतन आनंद की ऐतिहासिक फिल्म ‘नीचा नगर’ (1946) से अभिनय की शुरुआत की। यह वही फिल्म है जिसे कान फ़िल्म समारोह में भारत के लिए पहला पाल्मे ड’ओर पुरस्कार मिला था। उनकी फिल्म ‘बिराज बहू’ (1956) में शानदार अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार भी मिला।
शादी और निजी जीवन
उनकी शादी बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट में मुख्य अभियंता रहे ब्रह्म एस. सूद से हुई थी। खास बात यह थी कि सूद उनके जीजा थे, और बहन के निधन के बाद परिवार के आग्रह पर यह विवाह हुआ। शादी के बाद उन्होंने फिल्मों से कुछ समय के लिए दूरी बनाई, लेकिन कई वर्षों बाद दोबारा पर्दे पर लौटकर नई पीढ़ी के दर्शकों के बीच भी लोकप्रिय रहीं।
नए दौर की फिल्मों में भी दिखीं
बाद के वर्षों में उन्होंने कई फिल्मों में दादी के किरदार निभाए—
• शाहरुख खान की ‘चेन्नई एक्सप्रेस’
• शाहिद कपूर की ‘कबीर सिंह’
• आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ (कैमियो)
इन भूमिकाओं ने उन्हें आधुनिक दर्शकों के बीच भी पहचान दिलाई।
दिलीप कुमार से जुड़ी चर्चाएं
दिलीप कुमार के साथ उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री बेहद पसंद की गई। दोनों के बीच नज़दीकियों की चर्चाएं भी फिल्मी गलियारों में लंबे समय तक होती रहीं।
परिवार और विरासत
कामिनी कौशल अपने परिवार में सबसे छोटी थीं। उनके पिता प्रोफेसर शिव राम कश्यप भारत के प्रसिद्ध वनस्पति वैज्ञानिक माने जाते थे। अपनी प्रतिभा, सरल स्वभाव और लंबे फिल्मी सफर की वजह से कामिनी कौशल भारतीय सिनेमा में एक प्रेरणादायक शख्सियत के रूप में हमेशा याद की जाएंगी।





