रिपोर्टर: दनवीर सिंघनी
उत्तराखंड की शांत वादियों में आई प्राकृतिक आपदा ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जनपद को गहरे सदमे में डाल दिया। बिलारी थाना क्षेत्र के ग्राम मुड़िया के ग्रामीण मजदूरी के लिए निकले थे, लेकिन पहाड़ों में अचानक आसमान से बरसी आफत ने उनकी जिंदगी छीन ली।
कैसे हुई घटना

हरिद्वार से देहरादून की ओर जा रहे ग्रामीण जैसे ही पहाड़ों के बीच पहुंचे, तभी तेज गर्जना के साथ बादल फट गया। कुछ ही पलों में मलबे और बाढ़ का तेज प्रवाह उन्हें अपने साथ बहा ले गया। हालात इतने भयावह थे कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
इस हादसे में गांव के छह लोगों की मौत हो गई। मृतकों में मदन, नरेश, हरचरण, सोमवती, हिना और किरण शामिल हैं। वहीं, तीन ग्रामीण अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश प्रशासन लगातार कर रहा है।
गांव में पसरा मातम
मुड़िया गांव तक जैसे ही हादसे की खबर पहुंची, वहां मातम का सन्नाटा पसर गया। हर घर से चीख-पुकार और रोने की आवाजें सुनाई देने लगीं। जहां सुबह तक लोग रोजमर्रा की उम्मीदों में व्यस्त थे, वहीं शाम तक पूरा गांव शोक में डूब गया।
- कहीं मां बेटे की लाश पर विलाप कर रही थी
- कहीं पत्नी अपने पति की मौत से बेसुध होकर गिर पड़ी
- हर गली में आंसुओं का सैलाब बहता दिखा
प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
एसडीएम बिलारी विनय कुमार ने बताया कि अब तक छह ग्रामीणों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि तीन लापता हैं।
भाजपा नेता सुरेश सैनी ने कहा कि मृतक सभी लेबर क्लास से थे और खनन कार्य के लिए जा रहे थे, तभी यह भीषण हादसा हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। साथ ही अधिकारियों को पार्थिव शरीर गांव तक पहुंचाने और राहत राशि तुरंत देने के निर्देश दिए।
लोगों की जुबानी
ग्रामीण ऋषिपाल सिंह ने कहा, “ये लोग रोजी-रोटी की तलाश में देवभूमि गए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह सफर मौत का सफर साबित होगा।”
देवभूमि की धरती पर आया यह सैलाब मुरादाबाद के मुड़िया गांव के लिए एक ऐसी काली रात बन गया है, जिसे शायद गांव कभी भूल नहीं पाएगा। मजदूरी की तलाश में निकले ये लोग अब हमेशा के लिए गांव की यादों में बस गए हैं।