मनोज सोनी ने यूपीएससी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बताया कि वो इस्तीफा अपने व्यक्तिगत कारणों से दे रहे हैं। उनका इस्तीफा जो जून के अंत में दिया गया था उसके स्वीकार होने की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। सूत्र की मानें तो फिलहाल डीओपीटी ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। सोनी का कार्यकाल 2029 तक था, लेकिन उन्होंने बीच में ही इस्तीफा दे दिया। यूपीएससी अध्यक्ष मनोज सोनी ने 2029 में समाप्त होने वाले अपने कार्यकाल से पहले ही इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि साल 2017 से वो यूपीएससी के सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला था जबकि 2023 में अध्यक्ष बने थे। ऐसी खबरें हैं कि सोनी अब गुजरात के अनुपम मिशन में अधिक से अधिक समय देना चाहते हैं। पीएम मोदी के खास माने जाते हैं सोनी
जानकारी के मुताबिक, मनोज सोनी पीएम नरेंद्र मोदी के बेहद खास माने जाते हैं। उन्होंने ही वर्ष 2005 में मनोज सोनी को गुजरात के वडोदरा में स्थित एमएस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था। उस समय उनकी उम्र 40 साल थी। जिससे वह देश में सबसे कम उम्र में कुलपति बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इसके बाद सोनी को गुजरात के दो विश्वविद्यालयों में कुलपति बनाया गया था।
क्या रही वजह?
मनोज सोनी वर्ष 2020 में दीक्षा प्राप्त करने के बाद मिशन के अंदर एक साधु या निष्काम कर्मयोगी बन गए थे। रिपोर्ट्स की मानें तो उनके इस्तीफे और पूजा खेड़कर मामले के तार आपस में नहीं जुड़े हैं। उन्होंने अपने पर्सनल कारणों से इस पद से इस्तीफा दिया है।
क्या है पूजा खेड़कर का मामला?
पुणे की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने, FIR दर्ज कराने और भविष्य की परीक्षाओं में न बैठने का नोटिस UPSC ने जारी किया है। आयोग ने उसे भविष्य की परीक्षाओं से प्रतिबंधित करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। पूजा पर परीक्षा देने के लिए अपनी असली पहचान छुपाने व फर्जी पहचान दिखा परीक्षा में बैठने जैसे आरोप हैं। यूपीएससी का कहना है कि पूजा ने पहचान छिपाकर तय सीमा से ज्यादा परीक्षा दी।





