बदायूं के आसफपुर ब्लॉक क्षेत्र में गांव ढोरनपुर के ग्रामीण सड़क बनवाने की मांग को लेकर चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। भूख हड़ताल के कारण चौथे दिन चार ग्रामीणों की हालत बिगड़ गई। शनिवार की सुबह तहसीलदार डॉक्टरों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जिन ग्रामीणों की हालत बिगड़ी, उन्हें चिकित्सकों ने ग्लूकोज दिया। आसफपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर ने बताया कि ग्रामीणों की हालत अभी तक तो सही है, ब्लड प्रेशर भी सामान्य है, लेकिन भूख हड़ताल खत्म नहीं हुई तो स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।
तहसीलदार विजय कुमार शुक्ला ने ग्रामीणों को जल्द ही सड़क निर्माण शुरू कराने का आश्वासन दिया। तहसीलदार ने ग्रामीणों से कहा कि उन्हें जिलाधिकारी ने भेजा है। सड़क का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। शासन में जैसे ही प्रस्ताव पास होगा तो उसके बाद सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। हालांकि ग्रामीण किसी की बात मानने के लिए तैयार नहीं हुए। उनका कहना है कि डीएम खुद आकर बात करें, तब भूख हड़ताल समाप्त होगी।
वर्षों से कर रहे सड़क निर्माण की मांग
गांव ढोरनपुर के फिरोज आलम के मुताबिक आसफपुर-चंदौसी मार्ग पर ग्राम नगला जैत के सामने से होकर लगभग तीन किलोमीटर लंबी रास्ता जाता है। उनका कहना है आज तक यह सड़क पक्की नहीं बनी है। कच्चे और टूटे मार्ग से होकर लोगों को गुजरना पड़ता है। बीते लगभग एक दशक से इस सड़क को बनाने की मांग की जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में वोट के नाम पर अब तक जनप्रतिनिधियों द्वारा झूठे वादे किए जाते रहे हैं। गांव तक पहुंचने के लिए कोई सीधा और पक्का रास्ता न होने से बच्चों की उच्चशिक्षा संभव नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों का तो यहां तक कहना है कि युवक और युवतियों के विवाह के लिए लोग गांव आने तक से कतराते हैं। बरसात के दिनों में गांव टापू जैसा बन जाता है। ग्रामीणों का सब्र बुधवार को जवाब दे गया। वे सड़क बनवाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए।