by: vijay nandan
मध्यप्रदेश में 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार दो वर्ष पूरे करने जा रही है। इन दो वर्षों में सरकार ने प्रशासनिक सुधारों से लेकर जनकल्याण तक कई ऐसी पहलें की हैं, जो प्रदेश के विकास को नई दिशा देती हैं। महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उद्योग और सामाजिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लिये गये निर्णयों का असर सीधे जनता के जीवन पर दिख रहा है। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सरकार ने सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण का प्रावधान कर महिलाओं के लिए अवसरों के द्वार खोले हैं। यह कदम आर्थिक आत्मनिर्भरता के साथ-साथ प्रशासनिक व सामाजिक नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी को मजबूत करता है। इसके साथ ही महिला सुरक्षा और स्वावलंबन से जुड़े कार्यक्रमों को तेज गति दी गई है, ताकि समाज की आधी आबादी विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सके। शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए। मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को एक ही छतरी के नीचे लाकर मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि की गई, ताकि उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं ग्रामीण एवं अंचल क्षेत्रों तक पहुँच सकें। नई शिक्षा नीति के अनुरूप उत्कृष्टता केंद्रों और कौशल आधारित कार्यक्रमों का विस्तार किया गया, जिससे युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगारपरक अवसर मिल रहे हैं।
रोजगार और उद्योग के मोर्चे पर भी सार्थक प्रयास किए गए हैं। सरकार ने 2.5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियों के लक्ष्य के साथ भर्ती प्रक्रिया को तेज किया है। वहीं, रीजनल और ग्लोबल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से प्रदेश में हजारों करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले, जो आने वाले वर्षों में लाखों रोजगार के अवसर पैदा करेंगे। इन सबके बीच, जनकल्याण के प्रति सरकार का दृष्टिकोण विशेष रूप से संवेदनशील रहा है—दूरस्थ क्षेत्रों के लिए एयर एम्बुलेंस सेवा, अस्पतालों में शव वाहन, किसानों के हित में दूध उत्पादकों को बोनस, और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को सरल व प्रभावी बनाना—ये सभी पहलें जनता को महसूस कराती हैं कि शासन सिर्फ कागज पर नहीं, बल्कि जमीन पर सक्रिय है। कुल मिलाकर, डॉ. मोहन यादव की सरकार के दो वर्ष केवल प्रशासनिक उपलब्धियों के आंकड़े नहीं, बल्कि उन फैसलों की कहानी हैं जिन्होंने मध्यप्रदेश के विकास को विरासत से भविष्य की ओर अग्रसर किया है।

महिला सशक्तिकरण: लाड़ली बहना योजना की राशि में इजाफा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन और नेतृत्व में प्रदेश में नारी सशक्तिकरण का अभियान द्रुतगति से जारी है। प्रदेश की लाड़ली बहनों से मुख्यमंत्री डॉ. यादव का किया हुआ वादा 12 नवम्बर 2025 को पूरा किया। एक करोड़ 26 लाख से अधिक लाड़ली बहनों को सिवनी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बड़ी हुई राशि उनके खाते में अंतरित की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रत्येक लाड़ली बहना के खाते में 1500 रूपये देने की शुरूआत कर दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इस पहल पर प्रदेश की लाड़ली बहनों ने अपने भैया मोहन के प्रति आभार जताते हुए कहा है कि वे ठीक उसी प्रकार हमारा ध्यान रख रहे हैं, जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा का ध्यान रखा था। प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में चल रही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है।

जून 2023 से अक्टूबर 2025 तक योजना के अंतर्गत लाभार्थी महिलाओं को कुल 29 किस्तों में नियमित आर्थिक सहायता राशि का अंतरण किया गया है। रक्षा बंधन पर अगस्त 2023, अगस्त 2024 और अगस्त 2025 में लाभार्थी महिलाओं को 250 रूपये की विशेष सहायता राशि तीन बार प्रदान की गई। इस प्रकार योजना के आरंभ से अब तक 44,917.92 करोड़ रूपये की राशि का सीधा अंतरण लाभार्थी महिलाओं के खातों में किया जा चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजना ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। योजना से महिलाएं न केवल अपनी छोटी-छोटी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा कर रही हैं, बल्कि बैंकिंग में प्रणाली से भी सीधे जुड़ रही हैं। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में प्रदेशभर में महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का सीधा लाभ मिल रहा है। योजना की अब तक की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों में कुल 1,26,36,250 (एक करोड़ 26 लाख 36 हजार 250) महिलाओं को योजना का लाभ प्राप्त हुआ है।

सोयाबीन उत्पादक किसानों का भावांतर की सौगात
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों को भावांतर योजना की सौगात दी. मुख्यमंत्री का कहना है कि किसान भाई हमारे अन्नदाता हैं। वे तरह-तरह के जोखिम उठाकर समाज और देश के लिए अन्न-धन का भंडार भरते हैं। प्रकृति की मार सहकर और खुद के दाना-पानी की चिंता में न रहकर सबका उदर पोषण करते हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पर जवान और खेतों में हमारे किसान दोनों समान रूप से राष्ट्र की सेवा में तत्पर रहते हैं। किसान भाइयों के घर-आंगन में खुशहाली और आर्थिक समृद्धि लाना ही हमारी सरकार का मूल लक्ष्य है। हम प्रदेश के हर किसान को उसके द्वारा उत्पादित फसल का समुचित दाम दिलाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर जिले के गौतमपुरा में आयोजित समारोह में सोयाबीन की फसल पर भावान्तर भुगतान योजना के तहत प्रदेश के 1.34 लाख पात्र किसानों के बैंक खातों में सिंगल क्लिक से 249 करोड़ रुपये अंतरित किये। अब तक प्रदेश के 4.39 लाख से अधिक किसानों द्वारा 7.85 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन फसल का विक्रय किया जा चुका है। इसके पहले मध्य प्रदेश के 1.32 लाख किसानों को 13 नवंबर को बड़ी सौगात दी गई। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने देवास से किसानों के खाते में करीब 300 करोड़ रुपये की भावांतर राशि ट्रांसफर की। राज्य सरकार की इस योजना से 9,36,352 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव
भोपाल में पहली बार हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन बेहतर टीमवर्क और समन्वय से संभव हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के साथ ही बड़ी संख्या में विदेशी राजनायिकों, वाणिज्यिक प्रतिनिधियों और देश के प्रमुख औद्योगिक समूह के प्रतिनिधियों के एक साथ आगमन और जीआईएस में सहभागिता का प्रबंध चुनौती पूर्ण था। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सुप्रबंधन का पर्याय बनी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समिट में कुल 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 21 लाख 40 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। जीआईएस में 25 हजार से अधिक लोगों ने भागीदारी की। इसमें 9 पार्टनर कंट्री और 60 से अधिक देशों से 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय डेलिगेट शामिल हुए। जीआईएस में 300 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों और उद्योगों की भागीदारी रही।





