By: Yoganand Shrivastva
केरल के कोल्लम जिले के पुनलुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और रेलवे पुलिस ने नकदी की तस्करी का एक बड़ा मामला उजागर किया है। ट्रेन से सफर कर रहे दो व्यक्तियों को संदेह के आधार पर रोका गया, जिनकी कमर पर बंधे कपड़े के थैले में 44 लाख रुपये की नकदी मिली।
कैसे हुआ खुलासा?
सोमवार सुबह करीब 5:30 बजे, जब कोल्लम-चेन्नई ट्रेन पुनलुर स्टेशन पर पहुंची, तो आरपीएफ और रेलवे पुलिस ने दो संदिग्ध यात्रियों की तलाशी ली। तलाशी के दौरान दोनों व्यक्तियों के कमर पर बंधे कपड़े के थैले में नोटों के बंडल बरामद हुए।
कौन हैं आरोपी?
गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्ति मुत्थु (58) और अलगप्पन (58) हैं, जो तमिलनाडु के मदुरै के विरुदुनगर के रहने वाले बताए जा रहे हैं। जब अधिकारियों ने उनसे इस नकदी के स्रोत और दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की, तो वे कोई ठोस जानकारी नहीं दे सके। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
नकली नोटों की तस्करी का भी पर्दाफाश
इससे पहले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भी नकली नोटों की तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया था। एसओजी और पुलिस की संयुक्त टीम ने तीन तस्करों को गिरफ्तार किया, जो बांग्लादेश से नकली नोटों की खेप मंगवा रहे थे। इनके पास से 500-500 रुपये के नकली नोटों की गड्डियां (77 हजार रुपये), पांच मोबाइल फोन और एक स्कूटी बरामद की गई।
कैसे होती थी नकली नोटों की तस्करी?
गिरफ्तार तस्कर बांग्लादेश से नकली नोट मंगवाने के लिए ‘मालदा रूट’ का इस्तेमाल करते थे। पहले भी इस रूट के जरिए भारत में नकली करेंसी की तस्करी होने की खबरें सामने आती रही हैं। पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है ताकि इसमें शामिल अन्य लोगों का भी पर्दाफाश किया जा सके।
जांच जारी
रेलवे पुलिस और आरपीएफ अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि केरल में पकड़ी गई 44 लाख रुपये की नकदी किसके लिए लाई जा रही थी और इसका इस्तेमाल किस मकसद से किया जाना था। वहीं, अलीगढ़ में पकड़े गए नकली नोटों के गिरोह की पूरी जानकारी जुटाने के लिए पुलिस संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।
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